लंबी जद्दोजहद के बाद सीजफायर के लिए तैयार हुए अफगान-पाकिस्तान, इस्तांबुल में होगा अंतिम समझौता
कतर के दोहा में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच तत्काल संघर्षविराम पर सहमति बनी. तुर्की और कतर की मध्यस्थता से हुआ यह समझौता 25 अक्टूबर को इस्तांबुल में होने वाली अगली वार्ता का मार्ग प्रशस्त करता है. दोनों देशों ने संप्रभुता और शांति बनाए रखने का संकल्प लिया.

Pakistan Afghanistan ceasefire: कतर की राजधानी दोहा में लंबी और कठिन बातचीत के बाद आखिरकार पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तत्काल संघर्षविराम (सीजफायर) पर सहमति बन गई. यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया जब दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था. अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की भारत यात्रा के दौरान पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल समेत कई इलाकों में हवाई हमले किए थे, जिससे हालात बेहद गंभीर हो गए थे.
हवाई हमलों से बिगड़ा माहौल
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण थे, लेकिन हालिया एयरस्ट्राइक ने आग में घी डालने का काम किया. पाकिस्तान की हवाई कार्रवाई में कम से कम 10 अफगान नागरिकों की मौत हुई, जिनमें दो बच्चे और तीन स्थानीय क्रिकेट खिलाड़ी शामिल थे. इन हमलों के बाद दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी और बढ़ गई. शुरुआत में 48 घंटे का सीजफायर घोषित किया गया था, लेकिन पाकिस्तान द्वारा फिर से हमले करने से यह समझौता टूट गया.
तुर्की और कतर की मध्यस्थता से बना रास्ता
दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए तुर्की और कतर ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई. कतर के विदेश मंत्री ने कहा कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए यह समझौता बेहद आवश्यक था. उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि आगे की वार्ताओं से दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली का मार्ग खुलेगा. बातचीत के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बताया कि अब अगली वार्ता 25 अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल में आयोजित की जाएगी.
भविष्य की वार्ता
दोहा में हुई बैठक में पाकिस्तान की ओर से रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और आईएसआई प्रमुख जनरल आसिम मलिक शामिल हुए, जबकि अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व उसके रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब ने किया. दोनों पक्षों ने यह स्वीकार किया कि सीमावर्ती इलाकों में हो रहे आतंकी हमले और हिंसा क्षेत्र की स्थिरता के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं. ख्वाजा आसिफ ने स्पष्ट कहा कि अफगानिस्तान की धरती से पाकिस्तान पर होने वाले आतंकी हमले तुरंत रोके जाने चाहिए.
अफगान प्रतिनिधिमंडल ने भी कहा कि दोनों देश एक-दूसरे की संप्रभुता और सीमाओं का सम्मान करेंगे. हालांकि, भरोसे की कमी और आपसी आरोप-प्रत्यारोप अब भी खत्म नहीं हुए हैं.
आरोप-प्रत्यारोप का दौर
पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को शरण और समर्थन देता है, जिसके कारण पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाएं बढ़ी हैं. वहीं, अफगानिस्तान ने इस आरोप को सिरे से नकारते हुए कहा कि तालिबान सरकार ने तो आईएसआईएस जैसी चरमपंथी ताकतों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की है.
तालिबान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान ने पक्तिका प्रांत में तीन स्थानों पर बमबारी की, जिसमें निर्दोष नागरिक मारे गए. उनके अनुसार, सीमा क्षेत्र में हालात अब नियंत्रण में हैं, लेकिन तनाव पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है.


