ऑपरेशन सिंदूर के बाद लश्कर ने गिराया मरकज तैयबा हेडक्वार्टर, 5 फरवरी से पहले फिर होगा निर्माण
7 मई को भारतीय वायु सेना ने लश्कर-ए-तैयबा के मुरीदके मुख्यालय मरकज तैयबा पर सटीक हवाई हमला कर तीन इमारतें तबाह कीं; पाकिस्तान सरकार पुनर्निर्माण का समर्थन कर रही है, जिसका काम 5 फरवरी 2026 तक पूरा होगा. लश्कर-ए-तैयबा कश्मीर जिहाद के लिए तैयार हो रहा है, जबकि भारत आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए है.

7 मई को पाकिस्तानी समयानुसार सुबह 12:35:22 पर भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के मुरीदके स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के मुख्यालय मरकज तैयबा पर सटीक हवाई हमला किया. इस हमले में तीन प्रमुख इमारतें निशाने पर थीं, जिनका आतंकवादियों ने 25 वर्षों से हथियार भंडारण, ट्रेनिंग सेंटर और आवास के लिए इस्तेमाल किया था.
हमले में हुई भारी क्षति
हमले के दौरान एक दो मंजिला लाल रंग की इमारत पूरी तरह से तबाह हो गई. इसके अलावा, दो पीली रंग की इमारतें भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुईं. इनमें से एक इमारत का उपयोग लश्कर के शीर्ष कमांडरों के प्रशिक्षण और रहने के लिए होता था. अब केवल इनके कंकाल बचे हैं, जो हमले की भयंकरता को दर्शाते हैं.
पुनर्निर्माण अभियान की शुरुआत
मिली जानकारी के अनुसार, 18 अगस्त से लश्कर-ए-तैयबा ने क्षतिग्रस्त भवनों को गिराने के लिए जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल शुरू किया. 4 सितंबर को उम्म-उल-क़ुरा की पीली इमारत को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया. इसके बाद, लाल रंग की तीन मंजिला इमारत को भी गिरा दिया गया, जिसमें आतंकवादी और हथियार रखे थे.
पाकिस्तान सरकार की भूमिका
7 से 10 मई तक चले संघर्ष के बाद पाकिस्तान सरकार ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि वह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के क्षतिग्रस्त मुख्यालयों का पुनर्निर्माण कराएगी. 18 अगस्त से शुरू हुए ध्वंस अभियान के बाद, लश्कर ने प्रमुख इमारतों को ध्वस्त करना शुरू किया और 20 अगस्त तक उम्म-उल-कुरा के कई हिस्से गिरा दिए.
5 फरवरी 2026 तक पुनर्निर्माण पूरा करने का लक्ष्य
सूत्रों के अनुसार, 7 सितंबर तक उम्म-उल-क़ुरा के ध्वंस का काम पूरा हो चुका है और मलबा हटाने का काम भी जल्द समाप्त होगा. इसके बाद नए भवनों का निर्माण शुरू होगा. पाकिस्तान सरकार और लश्कर-ए-तैयबा दोनों इस बात पर सहमत हैं कि पुनर्निर्मित मुख्यालय का कम से कम एक हिस्सा 5 फरवरी 2026 से पहले बनकर तैयार हो. यह तारीख लश्कर के लिए खास महत्व रखती है क्योंकि हर साल इसी दिन कश्मीर-केंद्रित जिहाद कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जिसमें 2026 में शीर्ष कमांडर भी मौजूद रहेंगे.
पुनर्निर्माण की निगरानी
खुफिया सूत्रों ने बताया कि मरकज तैयबा के निदेशक और लश्कर के मुख्य प्रशिक्षक मौलाना अबू जार तथा कमांडर यूनुस शाह बुखारी की देखरेख में पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है. हमले के बाद लश्कर ने अपने कैडर प्रशिक्षण और आवास सुविधाएं पहले बहावलपुर के मरकज़ अक्सा में स्थानांतरित की थीं. जुलाई से ये सुविधाएं कसूर जिले के पटोकी में मरकज यारमौक में शिफ्ट कर दी गई हैं, जहां उप-प्रमुख सैफुल्लाह कसूरी के करीबी सहयोगी कमांडर अब्दुल राशिद मोहसिन इनका नेतृत्व कर रहे हैं.
इस प्रकार, भारतीय वायु सेना के सटीक हमले के बाद लश्कर-ए-तैयबा को अपने ठिकानों के पुनर्निर्माण के लिए पाकिस्तान सरकार की मदद लेनी पड़ रही है. 2026 के महत्वपूर्ण जिहाद कार्यक्रम के लिए वे फिर से तैयार हो रहे हैं, जबकि भारत लगातार आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है.


