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शी जिनपिंग के सारे तिकड़म फेल, 'लव एजुकेशन' के बाद भी चीन में बच्चे पैदा नहीं कर रहे युवा, बुजुर्ग बढ़े

चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में केवल 61 लाख जोड़ों ने शादी का पंजीकरण कराया, जबकि 2023 में यह संख्या 76.8 लाख थी. ऐसे में यह एक बड़ी गिरावट है. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद शादियों में यह कमी चिंता का विषय है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

चीन में युवाओं की आबादी तेजी से घट रही है. बुजुर्गों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. चीन में युवा शादी नहीं कर रहे हैं. इससे भविष्य में संकट और गहरा होने की आशंका है.चीनी सरकार के आंकड़ों से ये सामने आया है. साल 2024 में चीन में शादी करने वालों की संख्या में भारी गिरावट आई है.2024 में शादियों में 20 फीसदी की कमी आई है, जो अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है. यह चीन की सरकार के सामने चिंताजनक स्थिति पैदा करता है. शी जिनपिंग सरकार युवाओं को शादी और बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही है लेकिन उसे बहुत कामयाबी नहीं मिल रही है.

चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में केवल 61 लाख जोड़ों ने शादी का पंजीकरण कराया, जबकि 2023 में यह संख्या 76.8 लाख थी. ऐसे में यह एक बड़ी गिरावट है. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद शादियों में यह कमी चिंता का विषय है. चीन की सरकार युवाओं को शादी करने और बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है ताकि देश की घटती जनसंख्या को बढ़ाया जा सके.

जन्मदर की कमी से जूझ रहे चीन के लिए यही एक उम्मीद है कि लोग ज्यादा से ज्यादा शादियां करें और संतान पैदा करें. सरकार इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन कुछ साल पहले तक वन चाइल्ड पॉलिसी अपनाने वाला चीन अब एकदम से आबादी भी नहीं बढ़ा पा रहा है. चीन में बच्चे पैदा करने के लिए यह जरूरी है कि माता और पिता की शादी का रजिस्ट्रेशन हुआ हो. हालांकि अब सरकार जटिलता भी खत्म करने की तैयारी में है. इसी के तहत कई राज्यों में तो शादी के रजिस्ट्रेशन का नियम भी खत्म किया गया है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि शादी न करने वाले युवा भी बच्चे पैदा कर सकें. इसके अलावा सिंगल पैरेंट्स यदि बच्चे को गोद लेना चाहें तो उन्हें भी परेशानी न हो.

लव एजुकेशन को बढ़ावा

एक रिपोर्ट में कहा गया, 'चीन में शादियों की संख्या कम हो रही है. युवाओं के बीच सरकार की अपील का असर नहीं है. खासतौर पर महंगाई के चलते और अर्थव्यवस्था में कमी के कारण लोग शादियां नहीं कर रहे हैं. इसके अलावा शादी को अब परंपरागत रूप में स्वीकार करने के लिए युवा तैयार नहीं हैं.' सरकार इस समस्या से निपटने के लिए कई उपाय कर रही है. इसमें 'लव एजुकेशन' को बढ़ावा देना और ज्यादा बच्चे पैदा करने पर आर्थिक मदद देना शामिल है. चीनी सरकार ने कॉलेजों में शादी, प्रेम और परिवार के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने वाले कोर्स शुरू किए हैं.

चीन में हालात यह हैं कि शादियां तो लोग कर नहीं रहे हैं बल्कि पुरानी शादियां भी टूटने की कगार पर हैं. 2014 में 26 लाख कपल्स ने तलाक ले लिया. यह आंकड़ा 2023 के मुकाबले एक फीसदी ज्यादा है. इसके अलावा 2024 में कम शादियां होने की वजह यह है कि इस साल को शादी के लिए शुभ नहीं माना गया. चीनी मान्यता में 2024 को विडो ईयर घोषित किया गया था.

दक्षिण कोरिया ने शादी और बच्चे पैदा करने के लिए बनाया मंत्रालय

चीन में जन्मदर में मामूली इजाफा हुआ है, लेकिन 2024 में लगातार ऐसा तीसरा साल रहा है, जब आबादी में कमी आई. बता दें कि चीन के अलावा दक्षिण कोरिया, इटली, रूस जैसे देश भी आबादी के संकट से जूझ रहे हैं. साउथ कोरिया ने तो शादी और संतान उत्पत्ति के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए अलग से मंत्रालय का ही गठन कर दिया है. यही नहीं भारत में भी उच्च वर्ग में बच्चों की कम संख्या देखी जा रही है. देश के आर्थिक विकास के साथ ही भारत में भी युवा आबादी का संकट पैदा हो सकता है. पिछले दिनों एलन मस्क ने भी इसे लेकर चिंता जताई थी.

चीन के सामने संकट से पार पाने की चुनौती

चीन में 1980 से 2015 तक चली एक बच्चे की पॉलिसी और तेजी से बढ़ते शहरीकरण के कारण जन्म दर में दशकों से गिरावट आ रही है. अगले एक दशक में करीब 30 करोड़ चीनी नागरिक रिटायरमेंट हो जाएंगे. ये चीन के सामने एक भयावह संकट पैदा करेगा, क्योंकि खाने वाली बूढ़ी आबादी बढ़ जाएगी और काम करने वाले लोग कम हो जाएंगे.


 

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10 February 2025, 03:27 PM IST

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