score Card

US को ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ का आधा हिस्सा करना पड़ सकता है वापस? जानिए ऐसा क्यों बोले अमेरिकी वित्त मंत्री

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने चेतावनी दी कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप के व्यापक टैरिफ को अवैध माना, तो अमेरिका को अरबों डॉलर लौटाने पड़ सकते हैं, जिससे वित्तीय अस्थिरता बढ़ेगी; वहीं प्रशासन धारा 232 के तहत नए विकल्पों पर विचार कर रहा है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

US Tarrif Tension: अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने रविवार को चेतावनी दी कि यदि सुप्रीम कोर्ट यह तय करता है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापक आयात शुल्क लगाते समय अपने अधिकार का अतिक्रमण किया है, तो अमेरिका को अरबों डॉलर की टैरिफ आय वापस करनी पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति वित्तीय व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती साबित होगी.

अदालत में टैरिफ की वैधता पर सवाल

बेसेन्ट ने बताया कि यदि अदालत प्रशासन के खिलाफ फैसला सुनाती है, तो टैरिफ राजस्व का लगभग आधा हिस्सा लौटाना होगा. उन्होंने माना कि अदालत का आदेश आने पर सरकार को पालन करना ही पड़ेगा, लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि ट्रंप प्रशासन को न्यायिक जीत मिलेगी.

दो संघीय अदालतें पहले ही यह कह चुकी हैं कि ट्रंप के पास 1977 के इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA) के तहत इतने व्यापक टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं था. 29 अगस्त को अपील अदालत ने यह भी कहा कि ट्रंप ने मुक्ति दिवस घोषणा के बाद हर देश पर पारस्परिक शुल्क थोपकर कानूनी सीमा पार की.

अरबों डॉलर पर मंडरा रहा खतरा

अगस्त से लागू नए शुल्कों से अमेरिकी सीमा शुल्क एजेंसियों ने अब तक 70 अरब डॉलर से ज्यादा की वसूली की है. यह आंकड़ा 2023 में अब तक जुटाए गए कुल 180 अरब डॉलर के राजस्व का लगभग आधा है. बेसेन्ट ने चेतावनी दी कि अगर मुकदमा 2026 तक खिंचता है, तो रिफंड की राशि 750 अरब डॉलर से 1 ट्रिलियन डॉलर तक हो सकती है, जिससे वित्तीय स्थिरता पर गंभीर असर पड़ेगा.

प्रशासन के विकल्प

राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक केविन हैसेट ने फेस द नेशन कार्यक्रम में कहा कि प्रशासन ट्रेड एक्सपेंशन एक्ट की धारा 232 का सहारा ले सकता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर शुल्क लगाने का अधिकार देता है. ट्रंप पहले ही स्टील और एल्युमीनियम पर 50% शुल्क लगा चुके हैं और सेमीकंडक्टर व दवाओं पर भी नए करों की चेतावनी दे चुके हैं. हालांकि कुछ टैरिफ अप्रभावित रहेंगे, जैसे 800 डॉलर से कम मूल्य के आयात पर मिलने वाली द मिनिमिस छूट का हटाया जाना.

वैश्विक और घरेलू असर

टैरिफ विवाद ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार माहौल को प्रभावित किया है. नाइकी, हैस्ब्रो और वॉलमार्ट जैसी कंपनियों ने चेतावनी दी है कि शुल्क बढ़ने से उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें और बढ़ेंगी. वहीं ट्रंप प्रशासन का कहना है कि टैरिफ उपभोक्ताओं पर कर नहीं हैं.

रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में बेसेन्ट ने संकेत दिया कि अमेरिका और यूरोप, रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकते हैं. उनका मानना है कि ऐसे कदम रूस की अर्थव्यवस्था को कमजोर करेंगे और पुतिन को वार्ता की मेज पर आने के लिए मजबूर करेंगे.

आर्थिक आंकड़े और विवाद

घरेलू मोर्चे पर, अमेरिकी श्रम विभाग ने अगस्त में केवल 22,000 नौकरियों की वृद्धि दर्ज की और बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3% हो गई, जो चार साल का उच्चतम स्तर है. इसके बावजूद बेसेन्ट ने आर्थिक सुस्ती से इनकार करते हुए 3.3% जीडीपी वृद्धि और शेयर बाजार की रिकॉर्ड ऊंचाई का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि टैरिफ आय ने राजकोषीय संतुलन मजबूत किया है और इससे अमेरिकी नागरिकों को बेहतर, हाई सैलरी वाली नौकरियां मिलेंगी.

calender
08 September 2025, 08:38 AM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag