अमेरिका की सख्ती, ट्रम्प प्रशासन ने चीनी शिपिंग पर लगाया टैक्स
अमेरिकी बंदरगाहों पर आने वाले चीनी निर्मित जहाजों पर भारी शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया गया है, जो 1.5 मिलियन डॉलर तक हो सकता है. यह शुल्क जहाज निर्माण को अमेरिका में वापस लाने की योजना का हिस्सा है. इस नीति को दोनों दलों का समर्थन प्राप्त है.

अमेरिकी ट्रंप प्रशासन ने चीनी निर्मित जहाजों पर सेवा शुल्क लगाने की घोषणा की है. यह फैसला उस जांच के बाद लिया गया है जो यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव (USTR) द्वारा की गई थी. जांच में पाया गया कि चीन की नीतियां और कार्यप्रणालियां अनुचित हैं और वे अमेरिकी वाणिज्य के लिए बाधा और बोझ बन रही हैं.
ट्रंप प्रशासन के तहत व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने कहा कि यह कदम अमेरिका की आर्थिक सुरक्षा और शिपिंग सेक्टर की रक्षा के लिए आवश्यक है. उनके अनुसार, इससे न सिर्फ चीन के प्रभुत्व को चुनौती मिलेगी, बल्कि अमेरिकी जहाज निर्माण उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा.
अमेरिका की सख्ती
यूएसटीआर की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने आक्रामक रणनीति अपनाकर जहाज निर्माण में वैश्विक दबदबा बना लिया है, जिससे अमेरिकी कंपनियों, मजदूरों और अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है. अब चीनी जहाजों पर प्रत्येक यात्रा के आधार पर शुल्क लिया जाएगा, न कि हर बंदरगाह पर.
ट्रम्प प्रशासन ने चीनी शिपिंग पर लगाया टैक्स
हालांकि, यह नीति बाइडेन प्रशासन के समय शुरू हुई थी और अब इसे लागू किया जा रहा है. पहले प्रस्ताव में चीनी ऑपरेटरों पर $1 मिलियन और गैर-चीनी ऑपरेटरों पर $1.5 मिलियन प्रति पोर्ट शुल्क प्रस्तावित था, लेकिन सार्वजनिक प्रतिक्रिया के बाद यह नीति बदली गई.
- नई शुल्क नीति के अनुसार, 17 अप्रैल 2025 से शुल्क धीरे-धीरे बढ़ेगा:
- 2025 में प्रति टन $0 से शुरू होकर
- 2028 तक प्रति टन $140 तक पहुंच जाएगा.
इसी तरह, चीनी निर्मित जहाजों पर भी कंटेनर के अनुसार शुल्क लगाया जाएगा, जो 2028 तक $250 प्रति कंटेनर तक होगा. यह शुल्क प्रति वर्ष प्रति जहाज पांच बार तक लिया जा सकता है.
विशेष छूट भी दी गई हैं:
- यदि जहाज मालिक अमेरिकी निर्मित जहाज का ऑर्डर देते हैं, तो तीन वर्षों तक शुल्क निलंबित किया जा सकता है.
- कोयला, अनाज और खाली जहाजों को शुल्क से छूट मिलेगी.
- कैरीबियाई और ग्रेट लेक्स क्षेत्रीय शिपिंग इस नीति से बाहर हैं.


