'अपनी पत्नी उषा को भारत भेज दो...' प्रवासियों पर बयान देकर बुरे फंस गए अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर चर्चा में बने हुए हैं. उन्होंने आप्रवासन को लेकर तीखे बयान दिए और उनपर 'अमेरिकी सपने की चोरी' का आरोप लगाया.

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस एक बार फिर अपनी कट्टर आव्रजन नीतियों को लेकर सुर्खियों में हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हाल ही में पोस्ट की गई एक टिप्पणी ने उन्हें घेर लिया है. वेंस ने बड़े स्तर पर आप्रवासन को 'अमेरिकी सपने की चोरी' करार दिया, जिससे अमेरिकी श्रमिकों के अवसर छिन रहे हैं.
इस बयान पर लोगों ने उनका जमकर मजाक उड़ाया और पाखंड का आरोप लगाया, खासकर उनकी पत्नी उषा वेंस की भारतीय जड़ों को निशाना बनाते हुए ट्रोल किया गया. कई यूजर्स ने तो यहां तक कह डाला कि 'उषा और बच्चों को भारत वापस भेज दो'. आइए समझते हैं इस विवाद की पूरी कहानी.
वेंस का विवादित बयान
7 दिसंबर 2025 को एक्स पर वेंस ने लिखा, "बड़े पैमाने पर आप्रवासन अमेरिकी सपने की चोरी है. यह हमेशा से ऐसा रहा है. जो भी अध्ययन या रिपोर्ट इसके खिलाफ बोलते हैं, वे पुरानी व्यवस्था से मुनाफा कमाने वालों द्वारा खरीदे जाते हैं." बता दें, यह पोस्ट लुइसियाना के एक निर्माण व्यवसायी के वीडियो का जवाब थी.
व्यवसायी ने दावा किया कि अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) की कार्रवाइयों के बाद अप्रवासी मजदूर काम पर आने से कतरा रहे हैं, जिससे श्रम बाजार में बदलाव आया है. वेंस का यह बयान ट्रंप प्रशासन की सख्त आव्रजन नीतियों को दोहराता नजर आया.
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं
वेंस के बयान पर नेटिजंस ने तुरंत हमला बोला. लेखक वजाहत अली ने लिखा, "इसका मतलब तो यही है कि आपको उषा, उनके भारतीय परिवार और मिश्रित नस्ल के बच्चों को भारत वापस भेजना पड़ेगा. जब टिकट बुक करें तो बताना, आपको उदाहरण देना चाहिए."
एक अन्य यूजर ने कहा, "रुको, क्या आपकी पत्नी भारतीय अप्रवासी परिवार से नहीं हैं?" कई ने वेंस पर पाखंड का इल्जाम लगाया, यह कहते हुए कि उनकी पत्नी उषा भारतीय मूल की हैं, जो अमेरिका में जन्मीं लेकिन अप्रवासी माता-पिता की बेटी हैं. जोड़े के तीन बच्चे हैं दो बेटे इवान और विवेक और बेटी मीरबेल. कुछ यूजर्स ने तो यहां तक कहा, "आपकी पत्नी और बच्चे ही अमेरिकी सपने को चुरा रहे हैं." यह विवाद एक्स पर तेजी से फैला, जहां #SendUshaBack ट्रेंड करने लगा.
आज से पहले भी दिए कई विवादित बयान
वेंस का आव्रजन पर यह बयान नया नहीं है. हाल ही में न्यूयॉर्क पोस्ट पॉडकास्ट में उन्होंने कहा था कि अमेरिकियों को अपने जैसे दिखने वाले या एक ही भाषा-संस्कृति वाले पड़ोसियों को पसंद करना स्वाभाविक है. उन्होंने बाइडेन सरकार पर समाज को बांटने वाली आव्रजन नीतियों का आरोप लगाया. जब पूछा गया कि ट्रंप प्रशासन अवैध अप्रवासियों को निकालेगा, तो वेंस ने कहा, "जितना हो सके उतने को हटाएंगे."
इसके अलावा पिछले महीने एक इवेंट में वेंस ने अपनी हिंदू पत्नी उषा के धर्म पर टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि उषा कभी ईसाई धर्म अपना लेंगी." इस पर भी भारी आलोचना हुई, हालांकि बाद में वेंस ने सफाई दी कि उषा का धर्मांतरण का कोई इरादा नहीं है और वह उनकी आस्था का सम्मान करते हैं.
राजनीति पर पड़ा प्रभाव
यह विवाद ट्रंप सरकार की आव्रजन नीतियों को निशाना बनाता है. 3 दिसंबर 2025 को यूएससीआईएस ने 19 'उच्च जोखिम' देशों से आव्रजन आवेदनों पर रोक लगा दी. वेंस के बयान से रिपब्लिकन पार्टी में भी बहस छिड़ गई है, जहां कुछ लोग इसे नस्लवादी मानते हैं. उषा वेंस, जो एक वकील हैं, अमेरिका की पहली एशियन-अमेरिकी और हिंदू सेकंड लेडी हैं.


