भारत से तनाव के बीच पाकिस्तान में हो सकती है जीवन रक्षक दवाओं की किल्लत, लोगों ने सरकार से की यह अपील
भारत के साथ व्यापार संबंधों के निलंबन के बाद पाकिस्तान ने अपनी दवा आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित करने के लिए 'इमरजेंसी तैयारी' शुरू की है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान ने भारत से सभी व्यापार को निलंबित करने का निर्णय लिया. पाकिस्तान की दवा उद्योग के लिए भारत से कच्चे माल की आपूर्ति महत्वपूर्ण है, और अब वह वैकल्पिक आपूर्ति रास्तों की तलाश कर रहा है, ताकि जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति बनी रहे.

भारत के साथ व्यापार संबंधों के निलंबन के बाद पाकिस्तान ने अपनी दवा आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित करने के लिए 'इमरजेंसी तैयारी' शुरू कर दी है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी व्यापार को निलंबित करने की घोषणा की. इस हमले में एक स्थानीय व्यक्ति समेत 26 लोग मारे गए थे, इनमें ज्यादातर पर्यटक थे.
वैकल्पिक आपूर्ति रास्तों की तलाश कर रहे
पाकिस्तान के स्वास्थ्य अधिकारी अब दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आकस्मिक योजनाओं को सक्रिय कर रहे हैं. ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी (DRAP) ने पुष्टि की है कि वे भारत से दवाओं की आपूर्ति को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि पाकिस्तान अपनी दवा आवश्यकताओं के लिए भारतीय कच्चे माल पर निर्भर है. DRAP के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, "हमने 2019 के संकट के बाद ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पहले से तैयारी शुरू कर दी थी और अब हम वैकल्पिक आपूर्ति रास्तों की तलाश कर रहे हैं."
भारत से आता है कच्चा माल
पाकिस्तान के फार्मास्यूटिकल उद्योग का लगभग 30%-40% कच्चा माल भारत से आता है, जिसमें सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री (API) और कई अन्य चिकित्सा उत्पाद शामिल हैं. इस व्यापारिक व्यवधान के कारण पाकिस्तान अब चीन, रूस और यूरोपीय देशों से वैकल्पिक स्रोतों की तलाश कर रहा है ताकि आवश्यक दवाएं जैसे एंटी-रेबीज वैक्सीन, कैंसर थेरेपी और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की आपूर्ति बनी रहे.
पाकिस्तान में हो सकती है दवाओं किल्लत
हालांकि DRAP की ओर से किए गए उपायों ने कुछ आश्वासन दिया है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों और उद्योग के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अगर त्वरित कदम नहीं उठाए गए तो जीवन रक्षक दवाओं की गंभीर कमी हो सकती है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "पाकिस्तान के लिए कैंसर विरोधी उपचार, टीके और जैविक उत्पादों की आपूर्ति बहुत महत्वपूर्ण है, और अगर हम भारत से इन उत्पादों का आयात नहीं कर पा रहे हैं तो समस्या गंभीर हो सकती है."
सरकार से की यह अपील
पाकिस्तान के फार्मास्युटिकल उद्योग के नेताओं ने इस संकट को टालने के लिए सरकार से दवा क्षेत्र को व्यापार प्रतिबंध से छूट देने की अपील की है. पाकिस्तान फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (PPMA) के अध्यक्ष तौकीर-उल-हक ने कहा, "हमने अधिकारियों से आग्रह किया है कि दवा उद्योग को इस व्यापार प्रतिबंध से छूट दी जाए क्योंकि कई जीवन रक्षक उत्पादों का कच्चा माल विशेष रूप से भारत से आता है."
पाकिस्तान के लिए चुनौतीपूर्ण समय
हालांकि कुछ विशेषज्ञ इस संकट को सुधार के लिए एक अवसर के रूप में भी देख रहे हैं. वरिष्ठ सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ जफर इकबाल ने कहा, "यह संकट पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, जहां उसे दीर्घकालिक निवेश के माध्यम से एपीआई, टीकों और जैविक उत्पादों के घरेलू उत्पादन की ओर कदम बढ़ाना चाहिए."
यह स्थिति पाकिस्तान के लिए एक बड़ा चुनौतीपूर्ण समय है, जहां उसे अपनी दवा आपूर्ति श्रृंखला को बचाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए जल्दी और प्रभावी कदम उठाने होंगे.


