'युद्ध की संभावनाओं के बीच रूस के सामने गिड़गिड़ाया पाकिस्तान', भारत से तनाव करने के लिए मांगी मदद
पाकिस्तान ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तनाव कम करने के लिए रूस से मदद मांगी है. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने दोनों देशों से द्विपक्षीय समस्याओं का समाधान शिमला समझौते और लाहौर घोषणापत्र के तहत करने का आग्रह किया. हमले में 26 लोग मारे गए, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाए. पाकिस्तान ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया और इलाके में शांति बनाए रखने की कोशिश की.

पाकिस्तान ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के बाद भारत के साथ बढ़ते तनाव को कम करने के लिए रूस से मदद मांगी है. पाकिस्तान के राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने रूस के साथ कूटनीतिक संबंधों को लेकर मास्को से औपचारिक रूप से हस्तक्षेप करने की अपील की. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने रूस से यह भी अपेक्षाएं जताई कि वह 1966 में ताशकंद वार्ता के दौरान जैसी रचनात्मक मध्यस्थता की भूमिका निभाए.
रूस के विदेश मंत्री का तनाव कम करने की कोशिश
इस बीच, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बातचीत की. लावरोव ने दोनों देशों से शिमला समझौते और लाहौर घोषणापत्र की भावना के तहत अपनी-अपनी समस्याओं को द्विपक्षीय रूप से हल करने की अपील की, जिसमें तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से बचने की बात की गई है. रूसी विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों पक्षों को धैर्य रखना चाहिए और तनाव को कम करने का प्रयास करना चाहिए.
पाकिस्तान का कूटनीतिक कदम
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ टेलीफोन पर बातचीत की. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने बताया कि डार ने लावरोव को हाल के क्षेत्रीय घटनाक्रमों से अवगत कराया. लावरोव ने पाकिस्तान की चिंता को समझते हुए स्थिति पर गंभीरता से ध्यान देने की बात की. उन्होंने कूटनीति के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि दोनों देशों को तनाव बढ़ाने से बचना चाहिए.
पहलगाम आतंकी हमले का प्रभाव
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में नई खटास डाल दी. इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. यह हमला 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में सबसे बड़ा आतंकी हमला था. इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाने की घोषणा की, जिसमें सिंधु जल समझौते को निलंबित करने का निर्णय भी शामिल था. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले में शामिल आतंकवादियों और उनके समर्थकों को दंडित करने की कड़ी चेतावनी दी थी.
आतंकी हमले के बाद बढ़ी सुरक्षा
पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने हमले में शामिल आतंकवादियों को पकड़ने के लिए एक बड़े स्तर पर तलाशी अभियान शुरू किया. इसके साथ ही, इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई. हमले के बाद से पहलगाम के पर्यटन स्थल की सड़कों पर सुनामी का माहौल था, जो पहले चहल-पहल से भरी रहती थीं. सुरक्षा बलों के ऑपरेशन से इलाके में शांति लाने की कोशिश की जा रही है, ताकि ऐसे हमलों को दोहराया न जा सके.


