एक पर हमला मतलब दोनों पर हमला, पाकिस्तान को सऊदी अरब से मिली रक्षा की गारंटी, क्या बढ़ाएगी भारत की मुश्किलें?
पाकिस्तान और सऊदी अरब ने रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर कर संयुक्त सुरक्षा ढांचा मजबूत किया. इस समझौते में किसी एक देश पर हमला दोनों पर हमला माना जाएगा. क्षेत्रीय तनाव, हमास-इजरायल संघर्ष, भारत-पाक झड़पों और कतर-अमेरिका रक्षा वार्ता के बीच यह समझौता खाड़ी क्षेत्र में नई सुरक्षा धुरी स्थापित कर सकता है.

पाकिस्तान और सऊदी अरब ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण रक्षा साझेदारी स्थापित करते हुए एक रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते में दोनों देशों ने यह तय किया कि यदि किसी एक देश पर हमला होता है, तो उसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा. इस ऐतिहासिक दस्तावेज पर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने हस्ताक्षर किए. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ इस अवसर पर क्राउन प्रिंस के विशेष निमंत्रण पर सऊदी अरब पहुंचे थे.
साझा सुरक्षा ढांचा मजबूत करना
रिपोर्ट के अनुसार, इस रक्षा समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना, सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं में तालमेल बढ़ाना और किसी भी बाहरी हमले की स्थिति में संयुक्त प्रतिरोध क्षमता को मजबूत करना है. इस समझौते के अनुसार, किसी एक देश पर किया गया कोई भी हमला स्वचालित रूप से दोनों देशों पर हमले के रूप में माना जाएगा. यह खाड़ी क्षेत्र में शक्ति संतुलन को भी एक नई दिशा देता है.
क्षेत्रीय तनाव के बीच समझौते का महत्व
यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब हाल ही में दोहा, कतर में हमास नेताओं पर इजराइली हवाई हमले हुए थे. इस हमले में छह लोगों की मौत हुई, जिनमें कतर का एक सुरक्षा कर्मी भी शामिल था. कतर ने इस कार्रवाई को राज्य प्रायोजित आतंकवाद करार देते हुए इज़रायल पर विश्वासघात का आरोप लगाया. अमेरिका ने भी इस हमले को एकतरफा कार्रवाई बताया और कहा कि यह अमेरिकी या इज़राइली दीर्घकालिक हितों के अनुरूप नहीं है. इस क्षेत्रीय अस्थिरता के बीच पाकिस्तान और सऊदी अरब का यह समझौता सामूहिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.
भारत-पाकिस्तान तनाव
इस समझौते का एक और पहलू यह है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य झड़पें. अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान से जुड़े आतंकियों पर डाली गई थी. इसके जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया. इस कार्रवाई के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर चार दिन तक संघर्ष चला, जिसके बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत से संपर्क कर युद्धविराम की अपील की. इसके बाद ही पाकिस्तान ने सऊदी अरब के साथ रक्षा सहयोग को नई दिशा दी है.
अमेरिकी और कतर की कूटनीतिक गतिविधियां
इसी बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने जानकारी दी कि कतर और अमेरिका भी एक उन्नत रक्षा सहयोग समझौते को अंतिम रूप देने वाले हैं. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने उन्हें कतर पर हुए हमले की जानकारी पहले से नहीं दी थी. नेतन्याहू के कार्यालय ने बाद में इस हमले को पूरी तरह से इजरायली अभियान बताते हुए कहा कि इसकी योजना, क्रियान्वयन और जिम्मेदारी पूरी तरह इजरायल की थी.
खाड़ी क्षेत्र में नई सुरक्षा धुरी
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच यह नया समझौता खाड़ी क्षेत्र में एक नई सुरक्षा धुरी का निर्माण कर सकता है. इससे दोनों देशों की सैन्य और रणनीतिक साझेदारी गहरी होगी और क्षेत्र में किसी भी तरह के बाहरी खतरे का संयुक्त रूप से मुकाबला करने की क्षमता बढ़ेगी.


