B-2 बॉम्बर की गुमशुदगी पर बवाल, ईरान बोला-अमेरिका का विमान हमने आसमान में ही गिरा दिया!

ईरान के परमाणु ठिकानों पर नाटकीय हवाई हमले के बाद, लापता अमेरिकी बी-2 बमवर्षक विमान को लेकर सवाल उठ रहे हैं, जो मिसौरी स्थित अपने बेस पर अब तक नहीं लौटा है। रिपोर्टों में चिंताजनक ऑपरेशनल गैप्स की ओर इशारा किया गया है।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

International News: ईरान के परमाणु ढांचे पर गुप्त छापेमारी के बाद रिपोर्टों में सामने आया है कि सभी बी-2 स्टील्थ बमवर्षक वापस नहीं लौटे। मिशन की शुरुआत व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस, मिसौरी से दो स्क्वाड्रनों में हुई थी। पूर्वी स्क्वाड्रन ने निर्धारित ईरानी लक्ष्यों पर हमला किया और 37 घंटों में लौट आया। हालांकि, पश्चिम की ओर प्रशांत दिशा में भेजे गए दूसरे स्क्वाड्रन, जिसे प्रलोभन के तौर पर भेजा गया था, में से एक विमान अब तक नहीं लौटा है। पेंटागन ने पहले मिशन की सफलता का दावा किया, लेकिन स्वतंत्र ट्रैकिंग और लीक हुए सैटेलाइट डेटा बताते हैं कि एक विमान लापता है। इस रहस्य ने सैन्य विश्लेषकों और रक्षा पत्रकारों में चिंता बढ़ा दी है।

डायवर्जन बनाम प्रत्यक्ष प्रहार योजना

पश्चिमी स्क्वाड्रन को कोई युद्ध आदेश नहीं दिया गया था। उसका मकसद ईरानी वायु रक्षा प्रणाली को भ्रमित करना था, ताकि पूर्वी हमलावर बेड़ा बिना पहचान के आगे बढ़ सके। यह रणनीति तो सफल रही, लेकिन डायवर्जन स्क्वाड्रन से संपर्क न होना गंभीर सवाल खड़े करता है। अब तक रक्षा विभाग की ओर से कोई सार्वजनिक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। अगर एक भी विमान लौट नहीं पाया, तो अमेरिका का "पूरी तरह से निष्पादित" मिशन दावा कमजोर पड़ता है। दोहरे स्क्वाड्रन की यह रणनीति जहां अमेरिका की स्टेल्थ ताकत दिखाती है, वहीं इससे जुड़े जोखिम भी उजागर होते हैं।

हवाई में आपातकालीन लैंडिंग की पुष्टि

एक बी-2 बमवर्षक ने कथित रूप से होनोलुलू के पास डैनियल के. इनौये अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग की। कहा गया है कि विमान हिकम एयर फोर्स बेस पर सुरक्षित उतरा, लेकिन इसकी स्थिति या डायवर्जन के कारणों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। यह पहली बार नहीं है—2021 और 2022 में भी इस एयरपोर्ट पर बी-2 विमान उतरे थे। इस बार फर्क बस इतना है कि लैंडिंग एक हाई-रिस्क हमले के तुरंत बाद हुई, जिससे ये घटना ‘सामान्य’ नहीं मानी जा रही। पर्यवेक्षक इसे किसी गहरी तकनीकी खामी से जोड़ रहे हैं।

ईरान ने गिराने का दावा किया

ईरानी सोशल मीडिया और टेलीग्राम चैनलों पर दावा किया गया कि ईरान के हवाई क्षेत्र में एक अमेरिकी विमान को मार गिराया गया है। अमेरिका ने इस दावे को खारिज कर दिया, लेकिन लापता विमान और इमरजेंसी लैंडिंग की खबरों ने इन अटकलों को और हवा दे दी है। अब तक न कोई तस्वीर सामने आई है, न किसी पक्ष ने निर्णायक सबूत पेश किए हैं। सैन्य विश्लेषक फिलहाल ईरानी दावे को सतर्क निगाहों से देख रहे हैं, पर पूरी तरह नकार नहीं रहे। शायद रडार लॉग्स और भविष्य के FOIA खुलासे सच्चाई उजागर करें।

बी-2: एक कमजोर टाइटन?

बी-2 स्पिरिट अमेरिका की स्टेल्थ तकनीक का बेजोड़ उदाहरण है, लेकिन इसके साथ खामियां भी जुड़ी हैं। बार-बार आने वाली तकनीकी दिक्कतें, अत्यधिक मेंटेनेंस लागत और सीमित संख्या इसे एक हाई-रिस्क प्लेटफॉर्म बनाते हैं। इसकी रडार-रेज़िस्टेंट डिज़ाइन संचालन में बेहद सटीकता की मांग करती है। ईरान मिशन के दौरान यह संभव है कि इसकी सीमाएं उजागर हो गई हों। अगर तकनीकी वजह से यह गायब हुआ है, तो B-2 को लेकर भविष्य की अमेरिकी रणनीति की समीक्षा तय है। फिलहाल वायुसेना ने किसी भी नुकसान पर टिप्पणी से इनकार कर दिया है।

दूसरा विमान कहां है?

बड़ा सवाल यही है—क्या वह विमान अब भी एशिया-प्रशांत क्षेत्र में ही फंसा है? क्या वह दुश्मन क्षेत्र में घुस गया? या यह सब कुछ अगली सैन्य चाल को छुपाने की रणनीति है? पेंटागन की चुप्पी ने सिर्फ उत्सुकता नहीं, चिंता भी बढ़ा दी है। राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा ईरान पर हमले की अनुमति व्यक्तिगत रूप से देने के बाद, अब प्रशासन पर सच्चाई बताने का दबाव बढ़ रहा है। जब तक कोई पुष्टि नहीं होती, अटकलें तेज़ होंगी। इस बॉम्बर की गुमशुदगी, अब पूरे हमले की कहानी पर भारी पड़ती दिख रही है।

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04 July 2025, 09:46 PM IST

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