BLA ने जारी किया जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाइजैक का वीडियो फुटेज, 214 पाकिस्तानी सैन्य बंधकों की हत्या का दावा
बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस के अपहरण के बाद बीएलए ने "दर्रा-ए-बोलन 2.0" नामक वीडियो जारी किया, जिसमें 214 पाकिस्तानी सैनिकों को बंधक बनाने और ऑपरेशन की रणनीति का खुलासा किया. पाकिस्तान ने इसे "ऑपरेशन ग्रीन बोलन" से जवाब दिया, जिसमें 33 बीएलए लड़ाके मारे गए और 354 बंधकों को मुक्त किया गया. बलूच नेताओं ने स्वतंत्रता की घोषणा की, और विरोध प्रदर्शन बढ़े. पाकिस्तान ने बीएलए को आतंकवादी संगठन करार दिया.

बलूचिस्तान में दो महीने पहले जाफर एक्सप्रेस का नाटकीय अपहरण हुआ था, और अब बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने इस ऑपरेशन का विवरण देते हुए एक 35 मिनट का वीडियो जारी किया है, जिसका नाम "दर्रा-ए-बोलन 2.0" है. यह फुटेज इस अलगाववादी समूह की रणनीति और उनके दावों का एक दुर्लभ दृश्य प्रस्तुत करता है, जो पाकिस्तान के आधिकारिक संस्करण को चुनौती देता है.
जाफर एक्सप्रेस का अपहरण
11 मार्च को क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस, जिसमें 450 यात्री सवार थे, को बीएलए के लड़ाकों ने हाईजैक कर लिया. यह घटना उस समय हुई जब बीएलए के सैनिकों ने बलूचिस्तान के बीहड़ बोलन क्षेत्र में रेलवे ट्रैक उड़ा दिए थे. इस ऑपरेशन को बीएलए के मजीद ब्रिगेड और अन्य सामरिक इकाइयों ने अंजाम दिया था. यह ऑपरेशन करीब 48 घंटे तक चला. बीएलए का दावा है कि उसने 214 पाकिस्तानी सैनिकों को पकड़ लिया और उन्हें बंधक बना लिया, जबकि महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.
वीडियो में बीएलए की रणनीति और दावे
बीएलए के मीडिया विंग हक्कल द्वारा जारी किए गए वीडियो में लड़ाकों को युद्ध प्रशिक्षण लेते, विस्फोटक लगाते और ट्रेन पर हमला करते हुए दिखाया गया है. इसमें उन विद्रोहियों के बयान भी शामिल हैं, जो बलूचिस्तान में दशकों से चल रहे दमन और जबरन गायब किए गए लोगों के खिलाफ इस हमले को उचित ठहराते हैं. फुटेज में ऑपरेशन के "शहीदों" के विदाई संदेश भी दिए गए हैं, जिन्होंने "अंतिम जीत तक" लड़ाई जारी रखने की कसम खाई है.
एक विद्रोही लड़ाका वीडियो में यह कहते हुए दिखाई देता है, "हमारे युवाओं ने दुनिया को बलूच प्रतिरोध की आवाज सुनाने के लिए बलिदान का रास्ता चुना है." इस समूह का दावा है कि पाकिस्तान बलूचिस्तान पर सैन्य कब्जा किए हुए है, और उसकी कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय युद्ध के सिद्धांतों के अनुसार की गई है.
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और दावा
पाकिस्तान ने बीएलए के दावों को पूरी तरह खारिज किया है और इसे दुष्प्रचार करार दिया है. पाकिस्तान सरकार ने इस हमले का जवाब देने के लिए "ऑपरेशन ग्रीन बोलन" नामक एक सैन्य अभियान चलाया. पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि इस ऑपरेशन में 33 बीएलए लड़ाके मारे गए और 18 पाकिस्तानी सैनिक भी अपनी जान गंवा बैठे. इसके साथ ही, 354 बंधकों को बचाया गया. संकट के दौरान, पाकिस्तान रेलवे ने बलूचिस्तान से आने-जाने वाली सभी रेल सेवाओं को निलंबित कर दिया और पूरे देश में सुरक्षा बढ़ा दी गई.
बलूचिस्तान में स्वतंत्रता की मांग
इस अपहरण के बाद, बलूच नेताओं ने स्वतंत्रता की घोषणा की और "बलूचिस्तान के लोकतांत्रिक गणराज्य" की वैश्विक मान्यता की मांग की. इस कदम से बलूचिस्तान में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जिसमें परिवारों ने अलगाववादी कारणों का समर्थन करते हुए रैलियां निकालीं. इस घटनाक्रम ने बलूचिस्तान में सरकार के खिलाफ असंतोष और विरोध को और भी प्रबल कर दिया है.
Monitoring:
— Bahot | باہوٹ (@bahot_baluch) May 18, 2025
Baloch Liberation Army media #Hakkal published video of the #JaffarExpress Hijack (Operation Darra-E-Bolan 2.0)#Balochistan pic.twitter.com/ClxM6VIOsy
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने बीएलए को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया है और उसके दावों को नकारा है. पाकिस्तान का कहना है कि बलूचिस्तान में चल रहे इन संघर्षों को केवल आतंकवाद के रूप में देखा जाना चाहिए, जबकि बलूच राष्ट्रवादियों का कहना है कि उनका संघर्ष आत्मनिर्णय की वैध मांग पर आधारित है. हमले की अंतरराष्ट्रीय निंदा के बावजूद, बलूच राष्ट्रवादियों का मानना है कि उनका संघर्ष न्यायपूर्ण और आवश्यक है, और वे बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए लड़ते रहेंगे.