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सीजफायर का पालन नहीं किया तो तेज, क्रूर और हिंसक होगा अंत... हमास को ट्रंप की कड़ी चेतावनी

Trump Fire on Hamas : डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा संकट पर 20-पॉइंट शांति योजना पेश की है, जिसमें हमास को निरस्त्रीकरण और बंधकों के शव सौंपने जैसे कदम उठाने को कहा गया है. अगर हमास ने योजना नहीं मानी तो ट्रंप ने "तेज, क्रूर और हिंसक अंत" की चेतावनी दी है. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेन्स इस योजना को आगे बढ़ाने इज़रायल पहुंचे हैं, जबकि कई देश शांति बल भेजने को लेकर असमंजस में हैं.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Trump Fire on Hamas : डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा संकट को सुलझाने के लिए एक नई 20-पॉइंट शांति योजना पेश की है और साफ कहा है कि अगर हमास ने इस योजना को स्वीकार नहीं किया, तो उसका अंत "तेज, क्रूर और हिंसक" होगा. उन्होंने यह चेतावनी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर दी. ट्रंप ने इस बयान में यह भी दावा किया कि मध्य पूर्व के कई सहयोगी देश उनकी योजना का समर्थन कर रहे हैं और कार्रवाई के लिए तैयार हैं.

योजना के प्रमुख बिंदु और हमास की प्रतिक्रिया

ट्रंप की इस शांति योजना के मुख्य बिंदुओं में हमास का निरस्त्रीकरण, बंधकों के शवों की वापसी और गाजा की प्रशासनिक संरचना से हमास की पूर्ण रूप से बाहर निकासी शामिल है. पहले चरण में हमास को 15 बंधकों के शव लौटाने हैं, लेकिन उनका कहना है कि शव अब मलबे में दबे हैं और निकालना संभव नहीं हो पा रहा.

हमास को अपनी सैन्य ताकत समाप्त करनी होगी
दूसरे चरण में हमास को अपनी सैन्य ताकत समाप्त करनी होगी और गाजा की भविष्य की सरकार में उसकी कोई भूमिका नहीं रहेगी. यह मांग सबसे अधिक विवादास्पद है, जिसे हमास ने स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया है. इस प्रस्ताव के विरोध के पीछे हमास की यह आशंका भी है कि इससे उनके जनाधार और राजनीतिक अस्तित्व पर खतरा मंडरा सकता है. यही कारण है कि संगठन अभी भी पूरी योजना को खारिज करने के मूड में है.

शांति बल तैनाती पर अंतरराष्ट्रीय हिचकिचाहट
ट्रंप की योजना में यह भी शामिल है कि यदि युद्धविराम होता है, तो गाजा में एक बहुराष्ट्रीय शांति बल तैनात किया जाएगा. लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिकांश देश इसमें सीधे भाग लेने को लेकर तैयार नहीं हैं. उनका मानना है कि अगर उन्होंने ऐसी किसी फोर्स में भागीदारी की, तो वे सीधे हमास के साथ टकराव में आ सकते हैं, जो उनकी क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है.
मध्य पूर्व के देशों की यह हिचकिचाहट ट्रंप की योजना की सफलता पर सवाल खड़े कर रही है, क्योंकि बिना क्षेत्रीय समर्थन के कोई भी शांति समझौता प्रभावी नहीं हो पाएगा.

अमेरिकी उपराष्ट्रपति की कूटनीतिक पहल
ट्रंप की इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेन्स इजरायल पहुंच चुके हैं. वे वहां के नेताओं से मुलाकात कर शांति प्रक्रिया को मजबूती देने की कोशिश कर रहे हैं. अमेरिका यह दिखाना चाहता है कि वह गाजा संकट को केवल दूर से नहीं देख रहा, बल्कि एक निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार है. जेडी वेन्स की मौजूदगी से यह स्पष्ट संकेत गया है कि ट्रंप प्रशासन इस योजना को केवल एक प्रस्ताव नहीं, बल्कि लागू करने योग्य रणनीति के रूप में देखता है.

हमास को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी
ट्रंप का स्पष्ट कहना है कि अगर उनकी शांति योजना को अस्वीकार किया गया, तो हमास को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. उनका यह रुख इज़रायल को भी अप्रत्यक्ष समर्थन देता है, जिससे गाजा में तनाव और बढ़ सकता है. हमास की ओर से फिलहाल कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला है. अगर यह गतिरोध बरकरार रहता है, तो गाजा में शांति की संभावनाएं और अधिक धुंधली हो सकती हैं.

एक कूटनीतिक युद्ध की शुरुआत?
डोनाल्ड ट्रंप की यह योजना कूटनीति के क्षेत्र में एक आक्रामक कदम है, जो हमास पर दबाव बढ़ाने के उद्देश्य से लाया गया है. हालांकि, हमास की प्रतिक्रिया और अन्य देशों की भूमिका ही तय करेगी कि यह योजना सफल होगी या एक और अधूरी कोशिश बनकर रह जाएगी. फिलहाल, मध्य पूर्व एक बार फिर से बड़े बदलाव की दहलीज पर खड़ा नजर आ रहा है.

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21 October 2025, 10:09 PM IST

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