कनाडाई सांसद चंद्रा आर्या ने खालिस्तानियों के खिलाफ खोला मोर्चा, निर्णायक कार्रवाई की मांग की
कनाडाई सांसद ने कहा कि हिंदू मंदिरों पर हमले कई वर्षों से जारी हैं। हालिया भित्तिचित्र खालिस्तानी उग्रवाद के बढ़ते प्रभाव की निशानी है। खालिस्तानी तत्व पूरे कनाडा में हिंदुओं की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं और अपना प्रभुत्व फैला रहे हैं।

इंटरनेशनल न्यूज. कनाडा के नेपियर से सांसद चंद्र आर्य ने हाल ही में देश में हिंदू धार्मिक स्थलों पर हो रहे हमलों पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि वह खालिस्तानी चरमपंथियों के खिलाफ कड़ी और निर्णायक कार्रवाई करे. आर्य ने ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में हुई तोड़फोड़ और अपवित्रता की कड़ी निंदा करते हुए इसे निंदनीय और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए खतरा बताया.
हिंदू और सिख समुदायों से एकजुट होने की अपील
चंद्र आर्य ने हिंदू और सिख समुदायों से अपील की कि वे खालिस्तानी उग्रवाद के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं. उन्होंने कहा कि यह समय है जब दोनों समुदाय मिलकर सरकार पर दबाव बनाएं ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और दोषियों को सख्त सजा दी जा सके. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि खालिस्तानी गतिविधियों का विरोध केवल हिंदू नहीं, बल्कि सिख संस्थाएं भी कर रही हैं.
लगातार जारी हमले और भित्तिचित्रों से उभरता खतरा
आर्य ने बताया कि हिंदू मंदिरों पर हमले कोई नई बात नहीं, बल्कि यह सिलसिला कई वर्षों से जारी है. हाल ही में वैंकूवर के रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारे में भी खालिस्तानी भित्तिचित्र पाए गए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि चरमपंथी समूह न केवल हिंदू धार्मिक स्थलों बल्कि सिख संस्थानों को भी निशाना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन कट्टरपंथियों का मकसद डर और विभाजन फैलाना है.
सुरक्षा में सेंध, पत्रकार ने उठाए सवाल
ब्रिटिश कोलंबिया के पत्रकार डेनियल बोर्डमैन ने भी लक्ष्मी नारायण मंदिर में हुई तोड़फोड़ को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने बताया कि रविवार रात तीसरी बार मंदिर को निशाना बनाया गया, दीवारों को नुकसान पहुंचाया गया और सुरक्षा कैमरे तक चुरा लिए गए. बोर्डमैन ने यह भी कहा कि जब वह घटनास्थल पर पहुंचे तो भित्तिचित्र पहले ही हटा दिए गए थे, जो संदेह पैदा करता है कि यह सब क्यों और किसके निर्देश पर हुआ.
समुदाय में आक्रोश, पुलिस जांच में जुटी
इस घटना को लेकर हिंदू समुदाय में भारी रोष है. लोग लगातार सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से घटना की निंदा कर रहे हैं. पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और मंदिर की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं, सांसद आर्य की पहल से उम्मीद जताई जा रही है कि कनाडा सरकार इस गंभीर मुद्दे पर जल्द और ठोस कदम उठाएगी.


