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राफेल की बिक्री रोकने के लिए चीन का गुप्त मिशन, फ्रांस ने खोली पोल

राफेल लड़ाकू विमानों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए, चीन के विदेशी मिशनों ने उन देशों को राजी करने का कोशिश किया, जिन्होंने फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों का ऑडर्र दिया था कि वे न तो इन्हें खरीदे और न ही किसी दूसरे देशों को चीनी विमान खरीदने के लिए उकसाए.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

China Secret Mission: भारत और पाकिस्तान के बीच हुए चार दिवसीय सैन्य संघर्ष, ने न केवल क्षेत्रीय भू-राजनीति को भी प्रभावित किया, बल्कि एक बड़े अंतरराष्ट्रीय विवाद को भी जन्म दिया. फ्रांसीसी खुफिया एजेंसियों ने हाल ही में एक सनसनीखेज खुलासा किया है कि चीन ने इस लड़ाई के बाद फ्रांस के राफेल लड़ाकू विमानों को धूमिल करने और उनकी बिक्री को कम करने के लिए एक योजना अभियान चलाया. यह अभियान न केवल राफेल की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए था, बल्कि इसका उद्देश्य संभावित खरीदार देशों को चीनी निर्मित जेट विमानों की ओर आकर्षित करना था. फ्रांसीसी अधिकारियों ने इस झूठा प्रचार को एक रणनीतिक कदम का नाम दिया है, जिसका मकसद फ्रांस के रक्षा उद्योग और वैश्विक साख को कमजोर करना था. 

ऑपरेशन सिंदूर में राफेल की भूमिका

ऑपरेशन सिंदूर, जो पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, भारतीय वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण मिशन था. इस ऑपरेशन में भारत ने फ्रांस से खरीदे गए राफेल लड़ाकू विमानों का उपयोग कर पाकिस्तान और पाक के कश्मीर (POK) में नौ आतंकी ठिकानों को बुरी तरह से नष्ट कर दिया था. राफेल की तेज रफ्तार और स्कैल्प मिसाइल की मारक क्षमता ने इस मिशन को  सफलता दिलाई. भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस, स्कैल्प, और स्पाइस-2000 जैसी मिसाइलों का उपयोग कर 25 मिनट में आतंकी ठिकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया, जिसने पाकिस्तान के रक्षा तंत्र को पूरी तरह नाकाम कर दिया.

चीन का झूठा प्रचार अभियान

फ्रांसीसी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद राफेल विमानों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिए अपने दूतावासों और सोशल मीडिया का सहारा लिया, और चीनी दूतावासों में तैनात रक्षा ने इंडोनेशिया जैसे देशों, जिन्होंने राफेल खरीदने की डील की थी, को प्रभावित करने की कोशिश की. चीनी अधिकारियों ने उन देशों पर अपनी लॉबिंग केंद्रित की, जिन्होंने राफेल का ऑर्डर दिया है और जो देश फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों के संभावित ग्राहक हैं," फ्रांसीसी खुफिया सेवा ने अपनी रिपोर्ट में कहा. इसके अलावा, चीन ने सोशल मीडिया पर कई नए अकाउंट बनाए, जिन्होंने राफेल को असफल जेट और चीनी विमानों की तकनीक को बेहतर बताने का प्रयास किया. फर्जी तस्वीरें, AI-जनरेटेड कंटेंट, और वीडियो गेम फुटेज का उपयोग कर राफेल के मलबे की झूठी कहानियां फैलाई गईं.

पाकिस्तान का झूठा दावा

पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दावा किया कि उसने अपने चीनी निर्मित J-10C फाइटर जेट्स और PL-15 मिसाइलों का उपयोग कर भारतीय वायुसेना के पांच विमानों, जिनमें तीन राफेल शामिल थे, को मार गिराया. जिसके बाद एयर मार्शल एके भारती ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "किसी भी युद्ध के दौरान नुकसान होना कोई बड़ी बात नहीं है," लेकिन उन्होंने राफेल के नुकसान की खबरों  को पूरी तरह गलत बताते हुए खारिज कर दिया. 

फ्रांस की रक्षा उद्योग पर प्रभाव 

राफेल की बिक्री फ्रांस के रक्षा उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कारोबार है. डसॉल्ट एविएशन ने अब तक 533 राफेल जेट बेचे हैं, जिनमें से 323 मिस्र, भारत, कतर, ग्रीस, क्रोएशिया, संयुक्त अरब अमीरात, सर्बिया, और इंडोनेशिया को निर्यात किए गए हैं. फ्रांसीसी रक्षा मंत्रालय ने कहा, "राफेल को निशाना बनाना कोई संयोग नहीं है, बल्कि ये एक एक सोची समझी साजिश रणनीति का हिस्सा है." यह अभियान फ्रांस की रणनीतिक और वैश्विक साझेदारियों को कमजोर करने की कोशिश है.

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07 July 2025, 11:11 AM IST

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