यूक्रेन के ड्रोन हमलों से रूस में हड़कंप, 140 उड़ानें रद्द, 130 का रूट बदला
यूक्रेन के बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों के चलते रूस के मॉस्को समेत कई हवाई अड्डों को 24 घंटे में 10 बार बंद करना पड़ा. 140 उड़ानें रद्द हुईं और 130 का मार्ग बदला गया. रूस ने 230 से ज्यादा ड्रोन मार गिराने का दावा किया है. हालात अब सामान्य हैं.

यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष ने एक बार फिर गंभीर रूप ले लिया है. सप्ताहांत में यूक्रेन ने रूस पर बड़े पैमाने पर ड्रोन हमला किया, जिससे मॉस्को और अन्य क्षेत्रों के हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा. रूसी विमानन प्राधिकरण के अनुसार, इन हमलों के चलते 140 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और 130 से ज़्यादा उड़ानों का मार्ग बदलना पड़ा.
रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि शनिवार सुबह से ही 230 से अधिक ड्रोनों को मार गिराया गया, जिनमें से 27 मॉस्को के ऊपर से उड़ रहे थे. कलुगा क्षेत्र, जो राजधानी के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है, वहां 45 ड्रोन गिराए गए, जिससे कलुगा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को कुछ समय के लिए बंद करना पड़ा. रिपोर्ट के मुताबिक, मॉस्को के हवाई अड्डे 24 घंटे में 10 बार बंद हुए, हालांकि रविवार तक परिचालन सामान्य हो गया.
नागरिकों की मौत और जवाबी हमले
इन ड्रोन हमलों के जवाब में, रूस ने यूक्रेन के विभिन्न इलाकों में हवाई हमले किए. डोनेट्स्क में दो और सुमी में एक महिला की मौत की पुष्टि हुई है. यूक्रेनी वायु सेना ने दावा किया कि उसने रातभर में 57 में से 18 रूसी ड्रोनों को मार गिराया, जबकि सात अन्य ड्रोन जामिंग के कारण निष्क्रिय हो गए. खार्किव, निप्रोपेत्रोव्स्क और ज़ापोरिज्जिया जैसे क्षेत्रों में भी रूसी हमले हुए.
पुतिन और ज़ेलेंस्की की ओर से शांति वार्ता के संकेत
इस बीच, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से शांति वार्ता को लेकर सकारात्मक संकेत दिया गया है. क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि पुतिन वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन ज़ोर दिया कि “पहले रूस के उद्देश्य पूरे होने चाहिए.” उन्होंने यह भी माना कि शांति प्रक्रिया लंबी, कठिन लेकिन ज़रूरी है.
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने भी फिर से बातचीत की इच्छा जताई और पुतिन से आमने-सामने मिलने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा, "सच्चे समाधान के लिए नेतृत्व स्तर पर सीधी वार्ता ज़रूरी है."
अमेरिका की भूमिका और ट्रंप की चेतावनी
इस संकट के बीच पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन का समर्थन करते हुए कहा कि नाटो सहयोगियों के ज़रिए उच्च-स्तरीय हथियार भेजे जाएंगे. साथ ही, उन्होंने रूस को 50 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी कि अगर समझौता नहीं हुआ, तो उसे कड़े टैरिफ़ का सामना करना पड़ेगा. ट्रंप ने कहा कि वह पुतिन से निराश हैं, लेकिन शांति की उम्मीद अभी बाकी है.
पेसकोव ने ट्रंप की बातों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “उनकी कड़ी बयानबाज़ी अब सबको पता है, लेकिन हम भी शांति के प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.” इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि जहां एक ओर यूक्रेन-रूस युद्ध तकनीकी स्तर पर तेज होता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर राजनयिक हलचलें भी तेज हो रही हैं, जो आने वाले समय में संघर्ष को नया मोड़ दे सकती हैं.


