नेपाल के पूर्व PM ओली और पूर्व गृहमंत्री के खिलाफ FIR दर्ज, Gen-Z आंदोलन में मौतों का ठहराया जिम्मेदार
नेपाल में Gen-Z आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और 76 मौतों के बाद पूर्व पीएम ओली और पूर्व गृहमंत्री लेखक के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू की गई है. इस घटना के बाद ओली को इस्तीफा देना पड़ा और देश में 5 मार्च 2026 के लिए चुनाव तय किए गए हैं.

नेपाल में युवाओं के नेतृत्व वाले ‘Gen-Z’ आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और मौतों के सिलसिले में पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. आंदोलन से जुड़े युवाओं ने मंगलवार को काठमांडू जिला पुलिस कार्यालय में FIR दर्ज कराई, जिसे पुलिस अधीक्षक पवन भट्टराई ने पुष्टि की. इस मामले की जांच अब न्यायिक जांच आयोग को सौंप दी गई है, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस गौरी बहादुर कार्की कर रहे हैं. वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना है कि FIR ओली और लेखक की आपराधिक जिम्मेदारी तय करने और 8-9 सितंबर को हुए अपराधों की जांच शुरू करने में अहम साबित होगी.
पुलिस फायरिंग में 19 प्रदर्शनकारियों की मौत
आंदोलन 8 सितंबर को शुरू हुआ था और पहले दिन पुलिस फायरिंग में 19 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई. इसके बाद अगले दो दिनों में हिंसा ने विकराल रूप धारण किया और कुल 76 लोगों की जान चली गई. Gen-Z आंदोलन भ्रष्टाचार के खिलाफ और सोशल मीडिया पर लगे सरकारी प्रतिबंध हटाने की मांग के लिए शुरू हुआ था. पहले दिन प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन पुलिस की गोलीबारी ने स्थिति को बिगाड़ दिया. अगले दिन आंदोलन और उग्र हो गया और कई सरकारी दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया गया. इस हिंसा के बाद ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.
Gen-Z कार्यकर्ताओं की मांग है कि राज्य द्वारा की गई हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिले और उन्हें कानून के दायरे में लाया जाए. 9 सितंबर 2025 को ओली ने इस्तीफा दिया. इसके बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने 12 सितंबर को पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का मुखिया नियुक्त किया और 13 सितंबर को 275 सदस्यीय संसद भंग कर दी. आगामी चुनाव 5 मार्च 2026 को निर्धारित किए गए हैं.
चुनाव के लिए 16 से 26 नवंबर तक पंजीकरण
नेपाल में राजनीतिक दलों को चुनाव के लिए 16 से 26 नवंबर तक पंजीकरण करना होगा. नई पार्टियों के लिए पंजीकरण की अंतिम तारीख 15 नवंबर तय की गई है. Gen-Z आंदोलन की हिंसा और उसके बाद हुई राजनीतिक हलचल ने नेपाल की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं और अब सबकी निगाहें आगामी चुनाव पर टिकी हैं. युवा कार्यकर्ताओं और जनता की मांग है कि हिंसा में शामिल जिम्मेदार व्यक्तियों को न्यायिक प्रक्रिया के तहत दंडित किया जाए, ताकि भविष्य में लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित हो सके.
इस प्रकार, Gen-Z आंदोलन ने न केवल नेपाल में राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित किया, बल्कि युवाओं की सक्रिय भूमिका और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की आवश्यकता को भी सामने लाया है.


