उस्मान हादी हत्याकांड: वीडियो जारी कर बोला मुख्य आरोपी, 'मैं दुबई में हूं, हत्या से कोई लेना-देना नहीं'
उस्मान हादी हत्याकांड में बड़ा मोड़ सामने आया है. मुख्य आरोपी फैसल करीम मसूद ने एक वीडियो संदेश जारी कर खुद को बेगुनाह बताया है और दावा किया है कि वह दुबई में है. हत्या को लेकर उसने जमात से जुड़े लोगों पर शक जताया है, जिससे मामला और पेचीदा हो गया है.

नई दिल्ली: बांग्लादेश के चर्चित उस्मान हादी हत्याकांड में एक नया मोड़ सामने आया है. इस मामले के मुख्य आरोपियों में शामिल फैसल करीम मसूद ने हत्या में किसी भी तरह की संलिप्तता से साफ इनकार किया है. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो संदेश में मसूद ने दावा किया है कि वह इस समय दुबई में मौजूद है और उस्मान हादी की हत्या उसके द्वारा नहीं, बल्कि जमात-ए-इस्लामी से जुड़े लोगों द्वारा की गई है.
यह वीडियो मंगलवार को सामने आया, हालांकि इसकी रिकॉर्डिंग की सटीक तारीख की पुष्टि नहीं हो सकी है. वीडियो के सामने आने के बाद हादी हत्याकांड को लेकर चल रही जांच और दावों पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं.
हत्या से इनकार, जमात पर लगाया आरोप
वीडियो संदेश में फैसल करीम मसूद ने कहा,"मैंने हादी की हत्या नहीं की. मुझ पर और मेरे परिवार पर आरोप लगाए जा रहे हैं. मैं इस बदले की भावना से बचने के लिए दुबई आया हूँ. हादी जमात का सदस्य था. हो सकता है इसके पीछे जमाती लोगों का हाथ हो."
मसूद ने यह भी स्पष्ट किया कि उस्मान हादी के साथ उसका रिश्ता किसी भी तरह से आपराधिक नहीं, बल्कि पूरी तरह पेशेवर था.
Faisal Karim Masud, one of the key accused in the Osman Hadi murder case, said in a video message that he is currently in Dubai and has no involvement in the killing. He claimed that the murder was carried out by Jamaat-Shibir. According to Faisal, his association with Hadi was… pic.twitter.com/vghSIAILJE
— Sahidul Hasan Khokon (@SahidulKhokonbd) December 30, 2025
राजनीतिक चंदे को लेकर दी सफाई
फैसल करीम मसूद ने वीडियो में यह स्वीकार किया कि उसने उस्मान हादी को राजनीतिक चंदा दिया था. हालांकि, उसने कहा कि यह चंदा किसी गैरकानूनी गतिविधि के लिए नहीं था.
उसके मुताबिक,"हाँ, मैं पेशेवर कारणों से हादी से मिला था क्योंकि मेरी एक आईटी फर्म है. मैंने उसे राजनीतिक चंदा दिया था. उसने मुझे सरकारी ठेके दिलवाने का वादा किया था."
भारत भागने के दावे पर विवाद
इससे पहले बांग्लादेश पुलिस ने दावा किया था कि फैसल करीम मसूद और एक अन्य संदिग्ध आलमगीर शेख 12 दिसंबर को हुए हमले के बाद भारत भाग गए थे. ढाका महानगर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एसएन नजरुल इस्लाम के अनुसार, दोनों हलुआघाट सीमा पार कर भारत पहुंचे और कथित तौर पर मेघालय ले जाए गए.
हालांकि, इन दावों को मेघालय में बीएसएफ ने सिरे से खारिज कर दिया. बीएसएफ के महानिरीक्षक ओपी ओपाध्याय ने कहा,
"ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे यह पता चले कि किसी व्यक्ति ने हलुआघाट सेक्टर से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करके मेघालय में प्रवेश किया है."
दुबई में मौजूदगी के दस्तावेजी सबूत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फैसल करीम मसूद इस समय दुबई में ही है. सूत्रों के अनुसार, उसके पास पांच साल का मल्टीपल-एंट्री यूएई वीज़ा है, जो दीर्घकालिक पर्यटन वीज़ा की श्रेणी में आता है. रिकॉर्ड बताते हैं कि यह वीज़ा दिसंबर 2022 में जारी किया गया था और इसका भुगतान खुद फैसल ने किया था.
कैसे हुई थी उस्मान हादी की हत्या
32 वर्षीय उस्मान हादी को 12 दिसंबर को ढाका में चुनाव प्रचार के दौरान सिर में गोली मारी गई थी. गंभीर हालत में उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, जहां 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई.
उस्मान हादी इंकलाब मंचो के प्रवक्ता थे और जुलाई-अगस्त 2024 में हुए जन-जन आंदोलनों के प्रमुख युवा नेताओं में शामिल थे. इन्हीं आंदोलनों के बाद शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार सत्ता से बाहर हो गई थी. हादी आगामी 12 फरवरी को होने वाले संसदीय चुनावों में उम्मीदवार भी थे.


