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'मैंने परमाणु हथियार बनाए और अमेरिका को धोखा दिया' – अमरुल्लाह सालेह की पोस्ट से मचा दुनिया में बवाल

अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने अंतरराष्ट्रीय हलकों में खलबली मचा दी है. उन्होंने दावा किया है कि उन्होंने गुप्त रूप से परमाणु हथियार विकसित किए और अमेरिकी प्रशासन को वर्षों तक धोखा देते रहे. अपनी इस विस्फोटक पोस्ट में सालेह ने न केवल अमेरिका को चकमा देने की बात कही, बल्कि खुद को ‘मास्टर सर्वाइवर’ करार देते हुए कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के एक सनसनीखेज दावे ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति और सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा दिया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखी गई उनकी पोस्ट ने वैश्विक स्तर पर बहस को जन्म दे दिया है. सालेह ने लिखा है कि उन्होंने गुप्त रूप से परमाणु हथियार विकसित किए और अमेरिकी कांग्रेस को चकमा देकर प्रतिबंधों से बच निकले.

तालिबान विरोधी विचारधारा के लिए पहचाने जाने वाले अमरुल्लाह सालेह का यह दावा चौंकाने वाला है. उन्होंने न सिर्फ अमेरिका को कई बार धोखा देने की बात स्वीकारी, बल्कि परमाणु वैज्ञानिकों को बलि का बकरा बनाकर खुद को बचाने की रणनीति अपनाने का भी उल्लेख किया है.

अमेरिका को किया गुमराह

पूर्व उपराष्ट्रपति ने अपने पोस्ट में लिखा, 'मैंने गुप्त रूप से परमाणु हथियार बनाए और अमेरिकी कांग्रेस के विधेयकों से बच निकला. मैंने परमाणु बाजार का विस्तार किया और संभावित प्रतिबंधों से निपटने के लिए दोहरे उपयोग वाली तकनीक की सूची बनाई. जब मुझे दोषी पाया गया तो मैंने अपने मुख्य परमाणु वैज्ञानिक को बलि का बकरा बनाया.' इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चौंका दिया है, क्योंकि अफगानिस्तान को आज तक परमाणु क्षमता से लैस देश नहीं माना जाता रहा है.

'मैंने अमेरिका को कई बार धोखा दिया'

सालेह अपनी पोस्ट में आगे लिखा है, 'मैंने कई मौकों पर और विभिन्न उद्देश्यों के लिए अमेरिका को धोखा दिया. मैंने खुद के किए कामों का श्रेय लेने से मना कर दिया और अपने परमाणु कार्यक्रम को उस व्यक्ति के निजी साहसिक कार्य के रूप में पेश किया. 'इस बयान से यह संकेत मिलता है कि उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से वैश्विक नियमों और नीतियों को तोड़ने की बात कही है.

तालिबान के खिलाफ मुखर

साल 2020 में राष्ट्रपति अशरफ गनी के अधीन सालेह अफगानिस्तान के पहले उपराष्ट्रपति बने. हालांकि, 2021 में जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया, तो उन्हें देश छोड़ना पड़ा. शुरू में उन्होंने पंजशीर घाटी में तालिबान विरोधी अभियान जारी रखा, लेकिन फिर ताजिकिस्तान में शरण लेनी पड़ी. सालेह भारत के समर्थक रहे हैं और पाकिस्तान की आलोचना में हमेशा मुखर रहे हैं. उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भी पाकिस्तान पर तीखी टिप्पणी की थी.

“मैं एक मास्टर सर्वाइवर हूं”

अमरुल्लाह सालेह ने पोस्ट के अंत में खुद को “मास्टर सर्वाइवर” करार देते हुए लिखा –'मैंने अपनी धरती पर कुछ सबसे वांटेड आतंकवादियों को शरण दी. मैंने अपने पड़ोसी देश में नागरिकों के नरसंहार को प्रायोजित किया. मेरे सिस्टम में सेना पदानुक्रम के शीर्ष पर है और लोकतंत्र नीचे. मैं प्रासंगिकता का आविष्कार करता हूं, चाहे परिणाम कुछ भी हों. यह एक बड़ी दुनिया है और मेरे लिए हमेशा कोई न कोई काम मौजूद रहता है.'

क्या यह व्यंग्यात्मक पोस्ट है या असली खतरा?

हालांकि कुछ अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि अमरुल्लाह सालेह की यह पोस्ट व्यंग्यात्मक और प्रतीकात्मक हो सकती है, लेकिन जिस तरह से उन्होंने खुलकर शब्दों का प्रयोग किया है, वह चिंता का विषय बन चुका है. इसे हल्के में लेना किसी भी देश के लिए सही नहीं होगा.

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20 June 2025, 12:55 PM IST

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