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आप एक इंच दोगे तो वह...भारत पर ट्रंप के टैरिफ से भड़का चीन, जिनपिंग के दूत ने अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए कही यह बड़ी बात

अमेरिका द्वारा भारत और ब्राज़ील पर 50% टैरिफ लगाए जाने के फैसले की चीन ने कड़ी निंदा की है और इसे अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताया है. भारत ने भी इसे अनुचित करार दिया है और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा का संकल्प लिया है. यह टैरिफ भारत के रूसी तेल आयात को लेकर लगाया गया है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

US-India trade tensions: चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और ब्राज़ील से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क लगाने के निर्णय की कड़ी आलोचना की है. बीजिंग का कहना है कि यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन है और अमेरिका जानबूझकर वैश्विक व्यापार प्रणाली को राजनीतिक दबाव का हथियार बना रहा है.

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि ट्रंप का यह कदम न केवल अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है, बल्कि यह वैश्विक बाजार की स्थिरता के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न करता है. अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय वस्तुओं पर दूसरी बार 25% शुल्क बढ़ाने की घोषणा के बाद, कुल टैरिफ अब 50% तक पहुंच गया है, जो अमेरिका द्वारा किसी देश पर लगाए गए सबसे भारी शुल्कों में से एक है.

चीनी राजदूत का भारत से समर्थन

भारत में नियुक्त चीनी राजदूत शू फेइहोंग ने भी इस नीति की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा, “अगर आप धमकाने वाले को एक इंच देंगे, तो वह मीलों ले लेगा.” उन्होंने अमेरिका की एकतरफा और दबाव डालने वाली नीति को अस्वीकार्य बताया.

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने इस मामले को लेकर ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुईज़ इनासियो लूला दा सिल्वा के मुख्य सलाहकार सेल्सो अमोरिम से टेलीफोन पर बातचीत की, जिसमें ट्रंप की नीतियों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के खिलाफ बताया गया.

रूसी तेल पर भारत की निर्भरता बनी वजह

अमेरिका के इस टैरिफ निर्णय के पीछे कारण बताया जा रहा है भारत द्वारा रियायती दरों पर रूसी तेल की खरीदारी, जिससे कथित तौर पर यूक्रेन युद्ध में रूस को अप्रत्यक्ष समर्थन मिल रहा है. ट्रंप ने एक प्रेस कांफ्रेंस में इसपर बोलते हुए कहा कि यह निर्णय अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और नैतिक जिम्मेदारियों के अनुरूप लिया गया है.

हालांकि सवाल यह भी उठे कि जब चीन और अन्य देश भी रूस से व्यापार कर रहे हैं, तो फिर सिर्फ भारत को क्यों निशाना बनाया गया? इस पर ट्रंप ने कहा कि अमेरिका सभी देशों के साथ अपनी नीति के अनुसार व्यवहार करता है और कोई पक्षपात नहीं किया गया.

भारत ने अमेरिका के कदम को बताया अनुचित

भारत ने इस टैरिफ वृद्धि पर तीव्र असंतोष जताया है. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में इसे 'अनुचित, अनुचित और अविवेकपूर्ण' करार दिया. भारत ने स्पष्ट किया कि वह अपने राष्ट्रीय हितों और ऊर्जा सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा.

मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत का तेल आयात बाजार के नियमों और घरेलू जरूरतों के अनुसार होता है, न कि किसी राजनीतिक विचारधारा के तहत. उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत ने पहले ही अमेरिका को अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी.

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08 August 2025, 07:40 AM IST

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