दुश्मनी भूल भारत ने दिखाई दिलदारी, पाकिस्तान को दिया तवी नदी बाढ़ का अलर्ट
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच नई दिल्ली ने एक अहम कदम उठाया है. सिंधु जल संधि निलंबित होने के बावजूद भारत ने सद्भावना दिखाते हुए पाकिस्तान को तवी नदी में संभावित बाढ़ की चेतावनी दी है. यह जानकारी भारतीय उच्चायोग, इस्लामाबाद के माध्यम से साझा की गई.

India Pakistan Relations: नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए पाकिस्तान को तवी नदी में संभावित बाढ़ की जानकारी दी है. रविवार को भारतीय उच्चायोग, इस्लामाबाद के जरिए यह सूचना पाकिस्तान तक पहुंचाई गई. यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब पाहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच जानकारी साझा करने का परंपरागत माध्यम यानी सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) निलंबित है.
हालांकि इस पूरे घटनाक्रम की आधिकारिक पुष्टि भारत या पाकिस्तान की ओर से नहीं की गई है, लेकिन अगर ये दावे सही साबित होते हैं, तो यह पहली बार होगा जब भारत ने अपने कूटनीतिक मिशन के जरिए ऐसी जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचाई. सामान्य परिस्थितियों में यह सूचना इंडस वॉटर कमिश्नर्स के माध्यम से साझा की जाती है.
सिंधु जल संधि और तवी नदी अलर्ट
सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि भारत ने जम्मू की तवी नदी में संभावित बड़े बाढ़ की आशंका जताते हुए पाकिस्तान को सतर्क किया. इस सूचना के आधार पर पाकिस्तानी प्रशासन ने अपने नागरिकों के लिए चेतावनी जारी कर दी है.
सिंधु जल संधि की पृष्ठभूमि
सिंधु नदी तिब्बत से निकलकर जम्मू-कश्मीर से होते हुए पूरे पाकिस्तान में बहती है. 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुई सिंधु जल संधि के तहत भारत को सिंधु नदी प्रणाली के 20% जल उपयोग का अधिकार है, जबकि 80% पानी पाकिस्तान को आवंटित है. संधि के अनुसार, पश्चिमी नदियां (सिंधु, झेलम, चेनाब) पाकिस्तान के लिए और पूर्वी नदियां (रावी, ब्यास, सतलुज) भारत के हिस्से में आईं.
लेकिन 22 अप्रैल को पाहलगाम आतंकी हमले में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कई कड़े कदम उठाए, जिनमें सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित करना शामिल है.
डेटा साझा न करने का असर
संधि निलंबन के बाद भारत ने तीन नदियों का जलस्तर डेटा पाकिस्तान के साथ साझा करना बंद कर दिया. मानसून के दौरान भारत की शुरुआती चेतावनियों के आधार पर पाकिस्तान पंजाब और सिंध प्रांतों में रहने वाले लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाता था. अब यह व्यवस्था बाधित हो चुकी है.
पाकिस्तान में बाढ़ का कहर
इस बीच पाकिस्तान लगातार बाढ़ से जूझ रहा है. 26 जून से जारी भारी बारिश और बाढ़ में अब तक 788 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,000 से ज्यादा घायल हैं. पाकिस्तान की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अनुसार मृतकों में 200 बच्चे, 117 महिलाएं और 471 पुरुष शामिल हैं.
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खैबर पख्तूनख्वा में सबसे अधिक 469 मौतें हुईं
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पंजाब में 165
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सिंध में 51
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बलूचिस्तान में 24
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गिलगित-बाल्टिस्तान में 45
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पाक-अधिकृत कश्मीर में 23
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इस्लामाबाद में 8 मौतें दर्ज की गईं.


