score Card

सिंगापुर में भारतीय मूल के शख्स को दी गई फांसी, 1 Kg भांग की तस्करी में पाया गया था दोषी

विरोध करने के बाद सिंगापुर में भारतीय मूल के शख्स को फांसी दी गई है। शख्स के परिवार ने क्षमादान की गुहार लगाई थी लेकिन उनकी इस याचिका को खारिज करते हुए बुधवार को फांसी दे दी गई।

Lalit Hudda
Edited By: Lalit Hudda

हाइलाइट

  • संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय समेत अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा सिंगापुर सरकार से फांसी की सजा पर तत्काल पुनर्विचार करने की मांग की गई थी।

नशीले पदार्थ की तस्करी करने के लिए किसी शख्स को फांसी दी जाए तो यह वाकई में हैरान करने वाला है। सिंगापुर में एक किलोग्राम भांग की तस्करी करने के मामले में दोषी पाए गए भारतीय मूल के शख्स को बुधवार को फांसी दी गई है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय समेत अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने सिंगापुर सरकार से फांसी की सजा पर तत्काल पुनर्विचार करने की मांग की थी। वहीं शख्स के परिवार ने इस मामले पर जोर देते हुए सरकार से क्षमादान की गुहार लगाई थी। बावजूद इसके भारतीय मूल के दोषी शख्स को फांसी दी गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकारियों का कहना है कि 46 वर्षीय भारतीय मूल के तंगाराजू सुप्पैया को एक किलोग्राम भांग की तस्करी करने के मामले में दोषी पाया गया। इसके बाद बुधवार को सिंगापुर की चांगी जेल परिसर में तंगाराजू को फांसी दी गई। साल 2017 में तंगराजू को 1,0179 ग्राम भांग के साथ पकड़े जाने के बाद दोषी ठहराया गया था। बता दें कि सिंगापुर में मादक पदार्थ की इतनी मात्रा मौत की सजा के लिए पर्याप्त है। तंगराजू को दोषी पाए जाने के बाद 2018 में मौत की सजा सुनाई गई।

थंगाराजू सुपैय्या की बहन लीलावती सुपैय्या ने कहा कि परिवार को मृत्यु प्रमाण पत्र मिला है। यह छह महीने में सिंगापुर में दी गई पहली फांसी है। सुपैय्या के मामले का ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन और मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त ने समर्थन किया था। मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त की प्रवक्ता रवीना शामदासानी ने सिंगापुर सरकार से कहा कि "तत्काल इस कदम (सुपैय्या की फांसी की सजा) पर पुनर्विचार करने और मानवाधिकारों के सबसे मौलिक-जीवन के अधिकार का पूरी तरह से सम्मान करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया।" तंगाराजू के परिवार ने फिर से इस मामले पर जोर देते हुए सिंगापुर सरकार क्षमादान की गुहार लगाई थी, लेकिन उनकी इस याचिका को खारिज करते हुए तंगाराजू बुधवार को फांसी दे दी गई।

ब्रैनसन ने एक ब्लॉग पोस्ट में दावा किया था कि "थंगाराजू की सजा मानकों पर खरी नहीं उतरी है और हो सकता है सिंगापुर एक निर्दोष व्यक्ति की जान लेने जा रहा हो।" इस पर सिंगापुर के गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि "मौत की सजा पाए सिंगापुर के एक नागरिक के बारे में ब्रैनसन के विचार देश के न्यायाधीशों और आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए अपमान का प्रदर्शन हैं।"

तंगाराजू को बुधवार को दी गई फांसी पिछले छह महीने में पहली फांसी की सजा है। भारत में फांसी की सजा बहुत ही कम मामलों में सुनाई जाती है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 20 साल में 2,543 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई। लेकिन इनमें से केवल आठ को ही फांसी दी गई। ज्यादातर की फांसी को उम्रकैद में बदल दिया गया। वहीं जिन दोषियों को सजा दी गई उनमें आतंकी और दुष्कर्मी थे। मतलब भारत में ऐसे जुर्म के लिए ही मौत की सजा दी जाती है जो दरिंदगी की हदे पार कर गया है।  

calender
26 April 2023, 06:59 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag