‘दीवार के पार वार’: ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय S-400 की मारक ताकत का प्रदर्शन
ऑपरेशन सिंदूर: एस-400 वायु रक्षा प्रणाली को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह 40-N6 मिसाइलों की मदद से 400 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्यों को आसानी से भेद सकती है. इसके साथ ही इसमें 250 किलोमीटर की रेंज वाली 48-N6 मिसाइलें भी तैनात की जाती हैं, जो इसकी मारक क्षमता को और बढ़ाती हैं.

भारत ने 10 मई, 2025 को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में गहरी हवाई हमले किए, जिनमें पाकिस्तान के SAAB-2000 एर्ली वार्निंग एयरक्राफ्ट सहित कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को नष्ट किया गया. यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का प्रतिशोध थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी.
SAAB-2000 AWACS को बनाया निशाना
भारतीय वायुसेना ने 315 किलोमीटर अंदर पाकिस्तान के लाहौर क्षेत्र स्थित SAAB-2000 AWACS को निशाना बनाया. इसके अलावा, एक C-130J ट्रांसपोर्ट विमान, एक JF-17 और दो F-16 लड़ाकू विमान भी भारतीय मिसाइलों के हमले में नष्ट हो गए. इस ऑपरेशन में SCALP क्रूज मिसाइलों, HAMMER बमों और कमिकेज़ ड्रोन का उपयोग किया गया, जो सटीकता और मारक क्षमता में अत्याधुनिक माने जाते हैं.
ऑपरेशन के दौरान, भारतीय वायु रक्षा प्रणाली एस-400 को 11 बार सक्रिय किया गया, जिससे पाकिस्तान के हवाई हमलों का प्रभावी प्रतिरोध किया गया. इसके अलावा, लाहौर में स्थित चीनी निर्मित LY-80 और कराची के मलीर क्षेत्र में स्थित HQ-9 वायु रक्षा प्रणालियाँ भी भारतीय हमलों में नष्ट हो गईं.
आतंकवादी ठिकानों पर हमला
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने संयुक्त रूप से आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया. इसमें बहावलपुर, कोटली, मुजफ्फराबाद, मुरिदके और सियालकोट जैसे क्षेत्रों में स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाया गया. इस कार्रवाई में 80 से अधिक आतंकवादी मारे गए. पाकिस्तान ने इस हमले को 'युद्ध का खुला उल्लंघन' बताया, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत की कार्रवाई को व्यापक समर्थन मिला.


