कनाडा के चुनाव में भारतीयों का दबदबा, भारतीय मूल के 24 नेता बने सांसद, संसद में निभाएंगे अहम भूमिका
कनाडा में 28 अप्रैल को हुए संघीय चुनावों में भारतीय मूल के नेताओं ने ऐतिहासिक सफलता दर्ज की, जहां कुल 24 भारतीय-कनाडाई उम्मीदवार विजयी रहे. यह संख्या 2019 की तुलना में तीन अधिक है और समुदाय की बढ़ती राजनीतिक भागीदारी को दर्शाती है. चुनाव में जहां अनीता आनंद जैसी प्रमुख हस्तियों ने अपनी सीटें बचाईं, वहीं जगमीत सिंह और कमल खेड़ा जैसे दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा. इस चुनाव में 10 नए भारतीय-कनाडाई चेहरों ने भी संसद में जगह बनाई.

कनाडा में 28 अप्रैल को संपन्न हुए संघीय चुनावों में भारतीय मूल के उम्मीदवारों ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए कुल 24 सीटें अपने नाम कीं. यह संख्या 2019 के चुनावों में विजयी हुए 21 भारतीय-कनाडाई सांसदों से तीन अधिक है, जो इस बार भारतीय मूल की बढ़ती राजनीतिक प्रभावशीलता को दर्शाती है. इनमें कई पुराने चेहरे तो थे ही, साथ ही नए चेहरों ने भी संसद में प्रवेश किया है.
सबसे प्रमुख विजेताओं में इनोवेशन, विज्ञान और उद्योग मंत्री अनीता आनंद का नाम शामिल है, जिन्होंने ओकविले ईस्ट सीट पर अपनी पकड़ बरकरार रखी. शुरू में उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था, लेकिन बाद में पार्टी नेतृत्व के आग्रह पर मैदान में उतरीं और निर्णायक बढ़त के साथ जीतीं. माना जा रहा है कि आगामी प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के मंत्रिमंडल में उन्हें एक प्रमुख भूमिका मिल सकती है.
जगमीत सिंह को मिली करारी हार
हालांकि चुनावों में जीत के साथ-साथ कुछ चौंकाने वाली हार भी सामने आई. न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के नेता जगमीत सिंह को बर्नबी सेंट्रल सीट पर करारी हार का सामना करना पड़ा, जहां वे तीसरे स्थान पर रहे. इसके बाद उन्होंने पार्टी के अंतरिम नेतृत्व के चयन के साथ ही अपने पद से इस्तीफ़ा देने की घोषणा कर दी.
एक और बड़ी हार कमल खेड़ा की रही, जो मौजूदा सरकार में मंत्री थीं. उन्हें ब्रैम्पटन वेस्ट से उनके कंज़र्वेटिव प्रतिद्वंद्वी और व्यवसायी अमरजीत गिल ने शिकस्त दी. वहीं, पूर्व प्रांतीय मंत्री परम गिल ने कंज़र्वेटिव पार्टी के टिकट पर मिल्टन ईस्ट-हेल्टन हिल्स साउथ सीट से जीत दर्ज की.
पूर्व कैबिनेट मंत्री को मिली हार
पूर्व कैबिनेट मंत्री और एडमोंटन के मेयर अमरजीत सोही को जगशरण सिंह महल से हार का सामना करना पड़ा. इसके विपरीत, पूर्व मंत्री बर्दिश चागर ने वाटरलू सीट पर जीत बरकरार रखी, जबकि कंज़र्वेटिव नेता टिम उप्पल ने एडमंटन गेटवे से दोबारा जीत दर्ज की.
इसके अलावा, शुव मजूमदार ने कैलगरी हेरिटेज सीट अपने नाम की, जो कभी पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर के पास हुआ करती थी. वहीं, मनिंदर सिद्धू ने ब्रैम्पटन ईस्ट से फिर से जीत दर्ज की, और संसद में वापसी की.
कनाडा में भारतीय निभा रहे अहम भूमिका
इस चुनाव में पंजाब से जुड़ी जड़ों वाले कई भारतीय-कनाडाई उम्मीदवारों ने अपनी पकड़ मजबूत की है. नए निर्वाचित सांसदों में 10 ऐसे चेहरे शामिल हैं, जो पहली बार संसद का हिस्सा बनेंगे. ब्रैम्पटन, एडमोंटन, सरे (ब्रिटिश कोलंबिया) और कैलगरी जैसे शहरों में भारतीय मूल के प्रत्याशी चुनावी मुकाबलों में शीर्ष पर रहे.
भारतीय-कनाडाई समुदाय की यह प्रभावशाली उपस्थिति यह दर्शाती है कि वे अब कनाडा की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने लगे हैं.


