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परमाणु बातचीत से पहले ईरान की सख्त शर्त, अमेरिका से मांगी हमले न करने की गारंटी

ईरान ने अमेरिका के साथ परमाणु बातचीत को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. उसने साफ कर दिया है कि जब तक अमेरिका हमले न करने की गारंटी नहीं देता और हुए नुकसान की भरपाई नहीं करता, तब तक कोई वार्ता नहीं होगी.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

US Iran Nuclear Talks: ईरान ने अमेरिका के साथ संभावित परमाणु बातचीत को लेकर एक सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया है कि जब तक उसे भविष्य में हमले न किए जाने की गारंटी नहीं मिलती, तब तक कोई वार्ता संभव नहीं है. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने यह बयान फ्रांसीसी अखबार को दिए गए इंटरव्यू में दिया. उन्होंने अमेरिका से यह भी मांग की है कि हाल के हमलों में उसके परमाणु ठिकानों को जो नुकसान हुआ है, उसका मुआवजा दिया जाए.

अरागची ने दो टूक कहा कि बातचीत का रास्ता अभी पूरी तरह बंद नहीं हुआ है, लेकिन अगर अमेरिका वाकई वार्ता चाहता है, तो उसे अपने किए गए हालिया हमलों की जिम्मेदारी लेनी होगी. इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में हलचल तेज हो गई है.

हमले न करने की गारंटी के बिना वार्ता नहीं: ईरान

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा है कि अमेरिका के साथ बातचीत तभी होगी, जब उसे पक्की गारंटी मिले कि भविष्य में अमेरिका उसके खिलाफ किसी तरह की सैन्य कार्रवाई नहीं करेगा. उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में ईरान और इज़रायल के बीच युद्ध के दौरान अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए थे. इन हमलों में ईरान को गंभीर नुकसान उठाना पड़ा है.

अरागची ने आरोप लगाया कि अमेरिका के इन हमलों के चलते ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को भारी क्षति हुई है और देश अब भी इस नुकसान का आकलन कर रहा है. उन्होंने कहा, "हमें मुआवजे की मांग करने का पूरा अधिकार है."

ट्रंप के दावे को बताया झूठा

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को भी अरागची ने सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि अमेरिकी हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह तबाह कर दिया है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि ईरान का कार्यक्रम केवल कुछ महीनों के लिए बाधित हुआ है, न कि पूरी तरह नष्ट.

परमाणु कार्यक्रम नहीं होगा बंद

ईरान ने यह भी साफ कर दिया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम किसी कीमत पर बंद नहीं होगा. अरागची ने कहा कि यह महज एक गलतफहमी है कि ईरान अपनी ऊर्जा, चिकित्सा और कृषि से जुड़ी जरूरतों के लिए तैयार किए गए परमाणु कार्यक्रम को छोड़ देगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईरान की सभी गतिविधियां IAEA की निगरानी में हैं और अंतरराष्ट्रीय नियमों का पूरी तरह पालन करती हैं. उनका कहना था, "इच्छाशक्ति से हासिल की गई प्रगति को बमबारी से खत्म नहीं किया जा सकता. IAEA की मॉनिटरिंग में चल रहे किसी परमाणु ठिकाने पर हमला करना, खुद कानून पर हमला करने जैसा है."

बातचीत का रास्ता खुला

अरागची ने दोहराया कि कूटनीतिक समाधान के लिए रास्ता बंद नहीं है, लेकिन यह तभी संभव है जब अमेरिका अपने कदमों की जिम्मेदारी ले और स्पष्ट गारंटी दे कि भविष्य में वह ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि बातचीत एक दो-तरफा प्रक्रिया है, जिसमें दोनों पक्षों को समान रूप से गंभीरता दिखानी होगी.

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11 July 2025, 10:46 AM IST

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