अमेरिकी पायलट का बड़ा खुलासा; ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट पर 14,000 किलो बम गिरने से मचा हड़कंप!
अमेरिका ने ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट पर हमला किया था. इस हमले के लिए अमेरिका ने अपने B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया था. अब इसी फाइटर प्लेन को उड़ा रहे एक पायलट ने बड़ा खुलासा किया है.

Fordo Nuclear Plant: अमेरिका द्वारा ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट पर किए गए हवाई हमले ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी है. 22 जून 2025 को शुरू हुए 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' के तहत अमेरिकी वायुसेना के B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों पर 14,000 किलोग्राम वजनी GBU-57 'बंकर बस्टर' बम गिराए. इस हमले में शामिल एक अमेरिकी फाइटर पायलट ने इस ऑपरेशन को "जीवन का सबसे विस्फोटक अनुभव" बताया, जिसमें फोर्डो प्लांट पर बम गिरने से अभूतपूर्व धमाका हुआ.
हमले का प्रभाव और ईरान का दावा
फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट, जो कोम शहर के पास एक पहाड़ी के 90 मीटर नीचे बना है, ईरान के परमाणु कार्यक्रम का केंद्र माना जाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि तीनों परमाणु ठिकाने पूरी तरह तबाह हो गए। लेकिन, ईरानी अधिकारियों ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि हमले से पहले ही संवेदनशील सामग्री और उपकरण सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिए गए थे। मैक्सार टेक्नोलॉजीज की सैटेलाइट तस्वीरों में 19-20 जून को फोर्डो के पास असामान्य गतिविधियां देखी गईं, जिससे संदेह है कि ईरान ने हमले की आशंका भांप ली थी।
अमेरिकी रणनीति और तकनीक
अमेरिकी ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल डैन केन ने बताया कि ऑपरेशन में 7 B-2 बॉम्बर्स, 14 GBU-57 बम, 30+ टॉमहॉक मिसाइलें और 125 विमानों का उपयोग हुआ। स्टील्थ तकनीक और न्यूनतम संचार ने ईरान के रडार और मिसाइल सिस्टम को चकमा दिया। फोर्डो के ऊपरी हिस्से पर 6 बड़े क्रेटर देखे गए, जो इन बमों की शक्ति को दर्शाते हैं। ईरान ने इस हमले को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन बताते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आपात बैठक की मांग की है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने डिप्लोमेसी की संभावनाओं को खारिज करते हुए जवाबी कार्रवाई की धमकी दी। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने फोर्डो को "भारी नुकसान" की आशंका जताई. लेकिन स्वतंत्र जांच की आवश्यकता पर जोर दिया।
क्या है फोर्डो की खासियत?
फोर्डो, जिसे 2009 में पश्चिमी खुफिया एजेंसियों ने उजागर किया था, 83.7% तक यूरेनियम संवर्धन कर रहा था. जो परमाणु हथियार के लिए 90% के करीब है। इसकी गहराई और मजबूत संरचना इसे हवाई हमलों से लगभग अभेद्य बनाती थी, लेकिन GBU-57 बम ने इसकी कमजोरियों को उजागर किया।


