गाज़ा में इज़राइली हमला, 72 की मौत, ट्रंप की शांति कोशिशों को झटका
गाज़ा पर इज़राइली हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगले हफ्ते के भीतर इज़राइल और हमास के बीच युद्धविराम समझौता हो सकता है. ओवल ऑफिस में ट्रंप ने कहा, “हम गाज़ा पर काम कर रहे हैं और स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं.”

गाज़ा में इजराइल के ताज़ा हवाई हमलों ने फिर से मानवता को झकझोर दिया है. गाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, इन हमलों में अब तक कम से कम 72 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे दर्दनाक मंजर दक्षिणी गाज़ा के खान यूनिस के पास मुवासी में देखने को मिला, जहां विस्थापितों के तंबू शिविरों पर हमला किया गया. एक ही परिवार के तीन मासूम बच्चे और उनके माता-पिता सोते हुए बमबारी का शिकार हो गए.
मरने वाले बच्चों की दादी सुआद अबू तेइमा का सवाल इजराइल की कार्रवाई पर गहरी चोट करता है. उन्होंने रोते हुए कहा, “इन बच्चों ने क्या बिगाड़ा था? क्या यही न्याय है?” स्थानीय लोगों के अनुसार, हमला रात को हुआ जब लोग नींद में थे. इस हमले में कई तंबू जलकर खाक हो गए.
स्टेडियम में छुपे थे विस्थापित
गाज़ा सिटी के फिलिस्तीन स्टेडियम के पास भी बड़ा हमला हुआ, जिसमें 12 लोगों की जान चली गई. शिफा अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि यह स्टेडियम विस्थापितों के लिए शरण स्थल बना हुआ था. हमले के बाद दर्जनों शव अस्पताल लाए गए. वहीं, 20 से अधिक मृतकों को नासिर अस्पताल ले जाया गया है.
सड़कों पर भी बरसी मौत
शनिवार दोपहर गाज़ा सिटी की एक मुख्य सड़क पर इजराइली मिसाइल गिरी, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई. मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. इनके शवों को अल-अहली अस्पताल पहुंचाया गया, जहां परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
ट्रंप का दावा- हो सकता है समझौता
इजराइल-हमास संघर्ष के बीच अमेरिका की ओर से बड़ा बयान सामने आया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि अगले हफ्ते के भीतर युद्धविराम समझौता संभव हो सकता है. ओवल ऑफिस में मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, “हम गाज़ा की स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं और जल्द हल की उम्मीद है.”
वाशिंगटन पहुंचेंगे इजराइली मंत्री
सूत्रों के अनुसार, इजराइल के सामरिक मामलों के मंत्री रॉन डेरमर अगले सप्ताह वाशिंगटन पहुंचेंगे. वे अमेरिकी अधिकारियों से संघर्ष विराम, ईरान और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा करेंगे. माना जा रहा है कि यह वार्ता युद्धविराम प्रक्रिया में अहम भूमिका निभा सकती है.
राहत की उम्मीद, लेकिन सवाल बरकरार
हालांकि युद्धविराम की उम्मीदें बढ़ी हैं, लेकिन गाज़ा में मारे जा रहे मासूमों के सवाल अब भी अनुत्तरित हैं. क्या यह संघर्ष कभी थमेगा? क्या बच्चों की लाशों पर शांति का सौदा किया जाएगा? फिलहाल गाज़ा की ज़मीन पर सिर्फ मातम और मलबा बाकी है.


