जोरदार भूकंप के बाद सुनामी… जापान में उठीं 3 मीटर ऊंची लहरें, हाई अलर्ट जारी
जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो में बुधवार सुबह जोरदार भूकंप के बाद 3 मीटर ऊंची सुनामी लहरों ने दस्तक दी. रूस के कामचटका क्षेत्र में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद जापान समेत पूरे प्रशांत क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी किया गया है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को भी बंद कर दिया गया है.

Japan Tsunami: जापान और रूस के तटीय इलाकों में एक बार फिर कुदरत का कहर टूटा है. बुधवार, 30 जुलाई 2025 की सुबह रूस के कामचटका क्षेत्र में 8.8 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया. इसकी वजह से समुद्र में जोरदार हलचल हुई और इसके बाद जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो में सुनामी की 3 मीटर तक ऊंची लहरें उठीं. जापान में तुरंत हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों को तटीय क्षेत्रों से दूर रहने की सख्त हिदायत दी गई है.
जापानी मौसम विज्ञान एजेंसी ने चेतावनी दी है कि सुनामी की लहरें एक से अधिक बार आ सकती हैं और इससे जान-माल को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए फुकुशिमा न्यूक्लियर पावर प्लांट को एहतियातन बंद कर दिया गया है. यह वही प्लांट है जहां 2011 की भयावह सुनामी के बाद रेडियोएक्टिव लीक जैसी स्थिति बन गई थी.
8.8 तीव्रता का भूकंप
बुधवार की सुबह रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका में समुद्र के नीचे करीब 19.3 किलोमीटर गहराई में यह शक्तिशाली भूकंप दर्ज किया गया. इसके कुछ ही देर बाद जापान और अमेरिका समेत कई प्रशांत क्षेत्रीय देशों में सुनामी अलर्ट जारी कर दिया गया.
जापान में सुनामी की दस्तक
जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो के तटीय क्षेत्र नेमुरो में सबसे पहले सुनामी की 30 सेंटीमीटर ऊंची लहर देखी गई. इसके बाद लहरों की ऊंचाई धीरे-धीरे बढ़कर 3 मीटर तक पहुंच गई. जापानी एजेंसी ने स्पष्ट कर दिया है कि अगली लहरें और ज्यादा खतरनाक हो सकती हैं.
फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को संभावित खतरे को देखते हुए खाली करवा दिया गया है. गौरतलब है कि 2011 में आए विनाशकारी भूकंप और सुनामी के बाद इस संयंत्र में रेडियोधर्मी रिसाव की स्थिति पैदा हो गई थी, जिससे वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ गई थी.
2011 की तबाही
साल 2011 में जापान के टोहोकू क्षेत्र में आए 9.1 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आई सुनामी ने भारी तबाही मचाई थी. इस त्रासदी में 15,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और लाखों लोग बेघर हो गए थे. उस घटना की पीड़ा आज भी जापानियों के दिल में ताजा है, और वर्तमान हालात उसी तरह की चिंता पैदा कर रहे हैं.
कामचटका का भूकंप-इतिहास
रूस का कामचटका क्षेत्र पहले भी खतरनाक भूकंपों का केंद्र रहा है. वर्ष 1952 में इसी इलाके में 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे हवाई तक भयंकर तबाही हुई थी. इस क्षेत्र को सीस्मिक जोन माना जाता है और यहां हमेशा भूकंप का खतरा बना रहता है.
दुनिया के अब तक के सबसे विनाशकारी भूकंप
चिली, 1960: अब तक का सबसे तीव्र भूकंप, 9.5 तीव्रता, 1,655 मौतें
अलास्का, 1964: 9.2 तीव्रता, 130 मौतें
सुमात्रा, 2004: 9.1 तीव्रता, 2.8 लाख से अधिक मौतें
जापान, 2011: 9.1 तीव्रता, 15,000 से अधिक मौतें


