ब्रिटिश कोलंबिया की धरती पर डूबी खालिस्तानी नैया, कप्तान Jagmeet समेत गर्त में गया एजेंडा-अब भारत विरोध का खेल खत्म!
Canada Elections में खालिस्तान समर्थक नेता Jagmeet Singh की हार ने न केवल उनकी राजनीतिक पारी खत्म की, बल्कि Anti-India Agenda को भी बड़ा झटका दिया है. बर्नबी सेंट्रल से हार के बाद उन्होंने इस्तीफे की घोषणा कर राजनीतिक ज़मीन छोड़ दी.

कनाडा चुनाव 2025: कनाडा के आम चुनाव में खालिस्तान समर्थक माने जाने वाले नेता जगमीत सिंह को करारी हार का सामना करना पड़ा है. न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के प्रमुख जगमीत सिंह ने ब्रिटिश कोलंबिया की बर्नबी सेंट्रल सीट से चुनाव हारने के बाद सार्वजनिक रूप से हार स्वीकार की और पार्टी नेतृत्व से इस्तीफे की घोषणा भी की. उन्होंने कहा कि जैसे ही अंतरिम नेता की नियुक्ति होगी, वह औपचारिक रूप से अपने पद से हट जाएंगे.
एनडीपी को बड़ा झटका
यह हार न केवल एनडीपी के लिए बड़ा झटका है, बल्कि कनाडा की राजनीति में खालिस्तानी प्रभाव के कमजोर होने का भी संकेत है. गौरतलब है कि जगमीत सिंह वही नेता हैं जिनकी नीतियों और दबाव के कारण कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत के साथ रिश्ते प्रभावित हुए थे. वे अक्सर भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक रुख को लेकर विवादों में रहे हैं.
Jagmeet Singh announces that he will be stepping down as NDP leader. pic.twitter.com/c3PvzDQcyu
— Jarryd Jäger (@JarrydJaeger) April 29, 2025
जगमीत सिंह का हार के बाद जोशीला भाषण
मंगलवार रात बर्नबी में आयोजित एक कार्यक्रम में जगमीत सिंह ने समर्थकों, पार्टी कार्यकर्ताओं और अपने परिवार का शुक्रिया अदा किया और जोशीला भाषण दिया. उन्होंने कहा, "आज की रात न्यू डेमोक्रेट्स के लिए मुश्किल है. हमने अच्छे उम्मीदवार उतारे, लेकिन नतीजे हमारे पक्ष में नहीं आए. मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करता हूं जिन्होंने कड़ी मेहनत की. कभी-कभी हार भी राजनीति का हिस्सा होती है और इससे दुख होता है." इस दौरान वह मंच पर भावुक हो गए और कुछ पलों के लिए आंसू पोंछते नजर आए.जगमीत सिंह ने अपनी सीट से विजयी लिबरल पार्टी के नेता मार्क कार्नी को भी जीत की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा, "मैं लोकतंत्र का सम्मान करता हूं और कार्नी को उनकी जीत पर बधाई देता हूं. हम सभी का लक्ष्य एक बेहतर कनाडा बनाना है."
जगमीत सिंह की हार से खालिस्तान समर्थकों को धक्का
विश्लेषकों के अनुसार यह हार सिर्फ़ एक व्यक्ति ही नहीं, बल्कि कनाडा में सक्रिय भारत विरोधी खालिस्तानी लॉबी के लिए भी बड़ा झटका है. सिंह को भारत में खालिस्तानी गतिविधियों के प्रति उदार रुख अपनाने और ट्रूडो सरकार पर भारत विरोधी रुख अपनाने के लिए दबाव बनाने के लिए जाना जाता है. उन्हें भारत-कनाडा संबंधों में आई तल्खी के पीछे भी एक बड़ा कारक माना जाता था.
क्या भारत-कनाडा संबंध सुधरेंगे?
जानकारों का मानना है कि जगमीत सिंह के हारने के बाद एनडीपी नेतृत्व कनाडा में नई राजनीतिक दिशा बना सकता है, जिससे भारत के साथ रिश्ते बेहतर होने की संभावना बनेगी. खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर भारत-कनाडा के रिश्ते पिछले कई सालों से तनावपूर्ण रहे हैं. अब इस परिदृश्य में बदलाव की उम्मीद है.
जगमीत सिंह की हार कनाडा की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम
जगमीत सिंह की हार कनाडा की राजनीति में एक बड़ी घटना है. यह न केवल एक पार्टी के नेता की व्यक्तिगत हार है, बल्कि भारत विरोधी रुख रखने वाली ताकतों के लिए भी एक स्पष्ट संकेत है कि उनके एजेंडे को अब जनता का समर्थन नहीं रहा.


