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इजरायली हमलों के बाद अकेले पड़े खामेनेई! ईरान की कमान अब किसके हाथ

इजरायली हमलों में IRGC प्रमुख हुसैन सलामी, मिसाइल कार्यक्रम प्रमुख अमीर अली हाजीजादेह और खुफिया प्रमुख मोहम्मद काजेमी मारे गए हैं. ये सभी खामेनेई के 'इनर सर्कल' के सदस्य थे, जो ईरान की सुरक्षा, सैन्य और रणनीतिक नीतियों में निर्णायक भूमिका निभाते थे.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

इजरायली हमलों ने ईरान के भीतर गहरी तबाही मचाई है. एक ओर ईरान इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलों से जवाबी हमले की कोशिश कर रहा है, लेकिन दूसरी ओर उसकी अपनी मिसाइल क्षमताएं कमजोर होती जा रही हैं. इजरायल ने दावा किया है कि उसने ईरान की मिसाइल दागने की ताकत को 40 फीसदी तक खत्म कर दिया है. लेकिन उससे भी बड़ा झटका ईरान को तब लगा जब उसके सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की कोर टीम के कई प्रमुख सदस्य इन हमलों में मारे गए.

86 वर्षीय खामेनेई की सबसे करीबी सैन्य सलाहकार टीम, जिसमें IRGC प्रमुख हुसैन सलामी, मिसाइल कार्यक्रम के प्रमुख अमीर अली हाजीजादेह और खुफिया प्रमुख मोहम्मद काजेमी जैसे दिग्गज शामिल थे, अब इस दुनिया में नहीं हैं. ये वही लोग थे जो खामेनेई के 'इनर सर्कल' का हिस्सा थे और देश की सुरक्षा, रणनीति और विदेश नीति तय करने में मदद करते थे. अब इनकी गैरमौजूदगी ने खामेनेई को न सिर्फ अकेला कर दिया है, बल्कि उनकी निर्णय लेने की क्षमता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.

जापान टाइम्स की रिपोर्ट ने खोली चिंता की परतें

जापान टाइम्स ने खामेनेई के पांच करीबी पूर्व सलाहकारों के हवाले से बताया है कि अब उनके पास कोई ऐसा भरोसेमंद व्यक्ति नहीं बचा है जो उन्हें जटिल फैसलों में सही सलाह दे सके. विशेषज्ञों को डर है कि रणनीतिक गलतियों की आशंका बढ़ गई है, जो ईरान के लिए खतरनाक साबित हो सकती है.

एक तानाशाह, जो अब कमजोर पड़ता दिख रहा है

1979 की इस्लामिक क्रांति से पहले जेल और 1980 के दशक में बम हमले का शिकार बने खामेनेई, 1989 से सत्ता में हैं. वह ईरान के सर्वोच्च नेता के तौर पर सेना, न्यायपालिका, मीडिया और धर्म संस्थाओं पर पूरी तरह नियंत्रण रखते हैं. ईरान में लोकतंत्र की परछाई भर है, असल शक्ति खामेनेई के पास है.

अब उत्तराधिकारी की चर्चा तेज

इजरायली हमलों के बीच अब यह सवाल और जोर पकड़ने लगा है कि खामेनेई के बाद कौन? सूत्रों के मुताबिक उनका बेटा मोजतबा खामेनेई, जो एक मौलवी भी हैं और पिछले दो दशकों में काफी ताकतवर बन चुके हैं, अब ‘डि-फैक्टो शैडो लीडर’ की भूमिका निभा रहे हैं. हालांकि आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन ऐसा लगता है कि अगला सुप्रीम लीडर वंशवादी तरीके से तय किया जा सकता है, जो खुद खामेनेई की विचारधारा से विरोधाभासी है.

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18 June 2025, 01:51 PM IST

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