PM मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री के साथ की बुलेट ट्रेन की सवारी, टोक्यो में राज्यपालों से भी मिले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने शनिवार को एक रोमांचक यात्रा की, जब वे हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन में सवार होकर टोक्यो से सेंडाइ की ओर रवाना हुए. यह यात्रा उनकी दो दिवसीय जापान यात्रा का आकर्षक समापन थी. जिसमें दोनों नेताओं ने न केवल रिश्तों को मजबूत किया बल्कि जापान की अत्याधुनिक तकनीक का भी लुत्फ उठाया.

Narendra Modi Japan Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिवसीय जापान दौरे के अंतिम चरण में शनिवार को जापानी समकक्ष शिगेरू इशिबा के साथ बुलेट ट्रेन से टोक्यो से सेंडाइ तक 370 किलोमीटर का सफर किया. यह यात्रा भारत-जापान के मजबूत होते द्विपक्षीय रिश्तों और तकनीकी सहयोग की ओर एक सशक्त संकेत थी. प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर टोक्यो में इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर निर्माता टोक्यो इलेक्ट्रॉन का दौरा भी किया. उन्होंने सेमीकंडक्टर क्षेत्र को भारत-जापान सहयोग का प्रमुख स्तंभ बताते हुए इसे भविष्य के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बताया.
बुलेट ट्रेन में साथ दिखे मोदी और इशिबा
जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने पीएम मोदी के साथ अपनी बुलेट ट्रेन यात्रा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ सेंडाइ जा रहा हूं. पिछली रात की तरह मैं उनके साथ कार में रहूंगा. यह तस्वीर और संदेश दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच विश्वास और मित्रता को रेखांकित करते हैं. टोक्यो इलेक्ट्रॉन फैक्टरी का दौरा सेमीकंडक्टर क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया.
प्रधानमंत्री मोदी ने टोक्यो इलेक्ट्रॉन की फैक्ट्री का निरीक्षण करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इशिबा और मैंने टोक्यो इलेक्ट्रॉन फ़ैक्टरी का दौरा किया. हम प्रशिक्षण कक्ष और उत्पादन नवाचार प्रयोगशाला गए और कंपनी के शीर्ष अधिकारियों से बातचीत की. सेमीकंडक्टर क्षेत्र भारत-जापान सहयोग का एक प्रमुख क्षेत्र है. पिछले कुछ वर्षों में भारत ने इस क्षेत्र में कई प्रगति की है. बहुत से युवा भी इससे जुड़ रहे हैं. हम आने वाले समय में इस गति को जारी रखना चाहते हैं. इस दौरे का उद्देश्य भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण और तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है.
राज्य-प्रान्तीय साझेदारी को मिली नई दिशा
टोक्यो में प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के 16 प्रान्तों के राज्यपालों से मुलाकात कर भारत-जापान संबंधों के एक नए स्तंभ पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि राज्य-प्रान्त सहयोग भारत-जापान मैत्री का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है. यही कारण है कि कल 15वें वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन के दौरान इस पर एक अलग पहल शुरू की गई. उन्होंने नवाचार, स्टार्टअप, तकनीक, एआई, पर्यटन और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने की अपील की.
राज्यों और प्रान्तों के बीच सहयोग की संभावनाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि दिल्ली और टोक्यो से आगे बढ़ते हुए अब भारत और जापान के राज्यों और प्रान्तों को भी परस्पर सहयोग की दिशा में कार्य करना चाहिए. व्यापार, नवाचार, उद्यमिता आदि क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाएँ हैं. स्टार्टअप, तकनीक और एआई जैसे भविष्य के क्षेत्र भी लाभकारी हो सकते हैं. विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस बातचीत में युवाओं के कौशल आदान-प्रदान, जापानी तकनीक और भारतीय प्रतिभा के संयोजन पर विशेष ध्यान दिया गया.

भारतीय विकास गाथा में जापानी साझेदारी को आमंत्रण
प्रधानमंत्री मोदी ने जापानी राज्यपालों से भारत की विकास यात्रा में भागीदार बनने का अनुरोध करते हुए कहा कि दोनों देशों की स्थानीय क्षमताओं का समन्वय वैश्विक स्तर पर प्रभावी परिणाम दे सकता है. हर जापानी प्रान्त की अपनी आर्थिक और तकनीकी ताकत है वहीं भारतीय राज्यों की भी अनूठी क्षमताएं हैं. यह साझेदारी विनिर्माण, गतिशीलता, बुनियादी ढांचे और छोटे व्यवसायों के लिए नई दिशा तय कर सकती है. राज्यपालों ने भी उप-राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग को गहरा करने और संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने पर सहमति जताई.


