म्यांमार: सागाइंग में बौद्ध मठ पर हवाई हमले में 23 लोगों की मौत, 30 से अधिक घायल
म्यांमार की सेना ने सागाइंग क्षेत्र के एक मठ पर हवाई हमला कर 23 नागरिकों को मार डाला. हमला उस वक्त हुआ जब लोग संघर्ष से बचने के लिए वहां शरण लिए थे. घटना में 30 लोग घायल हुए. यह हमला देश में चल रहे गृहयुद्ध और सेना की चुनावी रणनीति से जुड़ा बताया जा रहा है.

म्यांमार के मध्य सागाइंग क्षेत्र के लिन ता लू गांव में शुक्रवार तड़के एक दिल दहला देने वाली घटना घटी जब म्यांमार सेना ने एक बौद्ध मठ पर हवाई हमला किया. इस हमले में कम से कम 23 नागरिक, जिनमें चार बच्चे शामिल हैं, मारे गए. यह हमला उस इमारत पर किया गया था जहां 150 से अधिक लोग सेना और प्रतिरोध बलों के बीच जारी संघर्ष से बचने के लिए शरण लिए हुए थे.
रात के अंधेरे में बरसी मौत
स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों और प्रतिरोध समूहों के अनुसार, हमला रात करीब 1 बजे हुआ जब एक सैन्य विमान ने मठ परिसर के भीतर शरणार्थियों से भरी इमारत पर बम गिरा दिया. इस हमले में करीब 30 लोग घायल भी हुए, जिनमें से 10 की हालत गंभीर है. मारे गए सभी लोग आम नागरिक थे जो हिंसा से बचने के लिए मठ की ओर भागे थे.
सेना की चुप्पी, लेकिन मंशा साफ
इस भयावह हमले के बाद सेना ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया. हालांकि, अतीत में सेना का यह दावा रहा है कि वह केवल "वैध सैन्य ठिकानों" को निशाना बनाती है और प्रतिरोध बलों को "आतंकवादी" करार देती है. सागाइंग क्षेत्र, जो म्यांमार की सेना विरोधी ताकतों का गढ़ बन चुका है, लगातार हवाई हमलों की चपेट में है.
गृहयुद्ध से तबाह हो चुका है देश
फरवरी 2021 में सेना द्वारा आंग सान सू की की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को हटाए जाने के बाद से म्यांमार लगातार गृहयुद्ध की चपेट में है. शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को हिंसक तरीके से दबाए जाने के बाद हजारों नागरिकों ने हथियार उठाकर पीपुल्स डिफेंस फोर्सेस के बैनर तले लड़ाई शुरू की. सागाइंग और अन्य क्षेत्रों में सरकार विरोधी ताकतों का वर्चस्व बना हुआ है, जिसे सेना खत्म करने की कोशिश में लगातार हमले कर रही है.
हमले के पीछे चुनावी रणनीति?
विश्लेषकों और विपक्षी "नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट" के प्रवक्ताओं का मानना है कि ये हमले सेना की एक बड़ी राजनीतिक साजिश का हिस्सा हैं. साल के अंत में होने वाले आम चुनावों से पहले सेना संघर्ष क्षेत्रों पर फिर से कब्ज़ा कर सत्ता की वैधता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साबित करना चाहती है. यह चुनाव जनरलों की सत्ता को बनाए रखने का एक ज़रिया बन सकता है.
लाखों हुए विस्थापित
म्यांमार में जारी इस संघर्ष और हालिया हमले के कारण लाखों लोग अपने घरों से बेघर हो चुके हैं. मठ पर हमले से कुछ ही दिन पहले, सेना ने पास के क्षेत्रों में टैंकों और विमानों के साथ आक्रामक अभियान चलाया था, जिससे हजारों ग्रामीणों को भागना पड़ा.


