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नासा ने किया बड़ा खुलासा...दो विशाल क्षुद्रग्रह आज पृथ्वी के पास से गुजरेंगे, डरने की जरूरत नहीं, बस खोज

नासा ने पृथ्वी के पास दो बड़े क्षुद्रग्रहों का पता लगाया है. 2025 OA3 और 2025 PA ये दोनों 4 अगस्त 2025 को धरती के सबसे करीब से गुजरेंगे. हालांकि टक्कर का खतरा नहीं है, लेकिन ये तेज रफ्तार अंतरिक्षीय चट्टानें हैं, जिनका आकार एक बड़े जेट विमान जितना है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

NASA Asteroid Flyby 2025: दो विशाल क्षुद्रग्रह, 2025 OA3 और 2025 PA, जो अंतरिक्ष में तेजी से बढ़ रहे हैं, इन दिनों वैज्ञानिकों के कड़े निगरानी में हैं. नासा ने पुष्टि की है कि ये दोनों अंतरिक्षीय पिंड पृथ्वी की ओर बढ़ते देखे गए हैं, हालांकि ये आज सुरक्षित दूरी से गुजरेंगे. लगभग 120 फीट चौड़े ये क्षुद्रग्रह एक यात्री विमान के आकार के बराबर हैं और अपनी तीव्र गति के कारण वैज्ञानिकों के लिए दिलचस्प विषय बने हुए हैं. हालांकि 'पृथ्वी के निकट वस्तुएं' मानी जाने वाली इन संरचनाओं को लेकर कोई तात्कालिक खतरा नहीं है, फिर भी विशेषज्ञ सतर्क हैं. नासा की मानें तो इनकी गतिविधि से पृथ्वी को फिलहाल कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा, लेकिन इस प्रकार की घटनाएं अंतरिक्ष की गहराइयों को समझने और भविष्य की संभावित आपदाओं से बचाव की रणनीति बनाने के लिए बेहद अहम हैं.

कितनी तेज और कितनी दूर हैं ये क्षुद्रग्रह?

2025 OA3, जो कि 30,498 मील प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रहा है, पृथ्वी से लगभग 1.42 मिलियन मील की दूरी से गुजरेगा. नासा के अनुसार, 2025 PA नामक क्षुद्रग्रह 22,219 मील प्रति घंटे की रफ्तार से अंतरिक्ष में चक्कर काटते हुए पृथ्वी से लगभग 2.05 मिलियन मील की सुरक्षित दूरी पर रहेगा. दोनों ही नजदीकी होने के बावजूद ग्रह से काफी दूरी बनाए रखेंगे.

क्यों अहम हैं ये प्राचीन अंतरिक्षीय पिंड?

ये क्षुद्रग्रह महज पत्थर नहीं, बल्कि हमारे सौर मंडल के 4.6 अरब साल पुराने इतिहास के साक्षी हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार, इनका अध्ययन हमें पृथ्वी की उत्पत्ति और उस दौर की जलवायु परिस्थितियों को समझने में मदद करता है, जब जीवन की शुरुआत हुई थी. याद रहे, एक क्षुद्रग्रह की टक्कर ही डायनासोरों के अंत का कारण बनी थी, इसलिए ऐसे पिंडों पर नजर रखना जरूरी है.

कैसे काम करता है नासा का निगरानी सिस्टम?

नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) अत्याधुनिक रडार तकनीकों का उपयोग कर इन क्षुद्रग्रहों की गति और पथ की सटीक निगरानी करती है. इसी तकनीक के चलते वैज्ञानिक भविष्य की खगोलीय घटनाओं की सटीक भविष्यवाणी कर पाते हैं. OSIRIS-REx और जापान के हायाबुसा2 जैसे मिशनों ने क्षुद्रग्रहों से सैंपल लाकर जीवन की उत्पत्ति से जुड़े कई राज खोले हैं.

क्यों जरूरी है निगरानी बनाए रखना?

भले ही आज का फ्लाईबाई पृथ्वी के लिए कोई खतरा न हो, लेकिन हर बार जब कोई क्षुद्रग्रह हमारे पास से गुजरता है, वह वैज्ञानिकों को अपने मॉडल और पूर्वानुमानों को और बेहतर करने का अवसर देता है. ऐसे प्रयास पृथ्वी की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.

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04 August 2025, 08:39 PM IST

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