Nepal Protest: नेपाल Gen Z विरोध-प्रदर्शन में 34 पहुंचा मौत का आंकड़ा, राष्ट्रपति भवन में होगी हाई-लेवल मीटिंग
नेपाल में जारी Gen Z विरोध प्रदर्शनों में मौतों का आंकड़ा बढ़कर 34 हो गया है, जबकि 1,368 से अधिक लोग घायल हुए हैं. संकट की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार को हाई-लेवल बैठक प्रस्तावित की गई है. जेन-जेड आंदोलन के नेताओं ने गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशिला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में समर्थन देने की घोषणा की है.

Nepal Protest: नेपाल में जारी जेन-जेड विरोध प्रदर्शन में मौतों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है. स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में अब तक 1,368 से अधिक लोग इन प्रदर्शनों के दौरान घायल हो चुके हैं.
घायल अधिकांश लोगों का इलाज कर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. अब भी विभिन्न अस्पतालों में कुल 192 मरीज उपचाराधीन हैं. संकट की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार को नेपाल की सेना प्रमुख अशोक राज सिग्देल, मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत और CPN (Maoist Centre) नेताओं की हाई-लेवल बैठक प्रस्तावित की गई है.
अस्पतालों में उपचाराधीन मरीजों की स्थिति
मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ प्रकाश बुधाथोकी के अनुसार, अब तक कुल 949 लोगों को अस्पताल से घर भेजा जा चुका है. फिलहाल, 58 मरीज ट्रॉमा सेंटर, 48 सिविल सर्विस हॉस्पिटल, 35 काठमांडू मेडिकल कॉलेज, 25 त्रिभुवन विश्वविद्यालय टीचिंग हॉस्पिटल (TUTH) और 26 बीरेन्द्र मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती हैं.
सुशिला कार्की होंगी अंतरिम प्रधानमंत्री?
जेन-जेड आंदोलन के नेताओं ने गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशिला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में समर्थन देने की घोषणा की. नेताओं का कहना है कि उनके ईमानदारी और निष्पक्षता के कारण उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए.
जेन-जेड नेता दिवाकर डांगल ने कहा, "हम इस आंदोलन को भ्रष्टाचार के खिलाफ चला रहे हैं, क्योंकि यह देश में व्याप्त है." वहीं, अन्य नेता जुनाल गडाल ने कहा, "सुशिला कार्की देश की संरक्षक के रूप में सर्वोत्तम विकल्प हैं."
काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर बलेंद्र शाह बालेन ने भी सुशिला कार्की के समर्थन में बयान दिया है, जिससे उनके उम्मीदवार होने की स्थिति और मजबूत हो गई है.
हिंसा के पीछे राजनीतिक हस्तक्षेप की आशंका
जेन-जेड आंदोलन शुरू में शांतिपूर्ण था, लेकिन प्रदर्शन के दौरान हिंसा और उत्पात की घटनाएं भी हुईं. आंदोलन के नेताओं का दावा है कि राजनीतिक दलों के सक्रिय हस्तक्षेप के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई.
जेन-जेड नेता अनिल बानिया ने कहा, "हमने शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आह्वान किया था, लेकिन राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने आगजनी और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया. हमारा मकसद संविधान बदलना नहीं, बल्कि आवश्यक संशोधन करना है."
स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कई शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है. काठमांडू में यह कर्फ्यू आज शाम 5 बजे तक जारी रहेगा और शनिवार को शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक फिर से लागू होगा.


