ट्रंप के सामने सिर झुकाए स्क्रिप्ट से पढ़ रहे थे नेतन्याहू, कतर के PM से फोन पर की बात...दोहा हमले के लिए मांगी माफी
Netanyahu Apology to Qatar : दोहा में हमास नेताओं पर इजरायली हमले के बाद अमेरिकी दबाव में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कतर से फोन पर माफ़ी मांगी. व्हाइट हाउस में ट्रंप की मौजूदगी में नेतन्याहू स्क्रिप्ट से पढ़ते नज़र आए, जिससे उनकी स्वतंत्रता पर सवाल उठे. ट्रंप ने यह माफ़ी कतर को गाज़ा संघर्षविराम वार्ता में वापस लाने के लिए दिलवाई. यह घटना क्षेत्रीय कूटनीति में अमेरिका की पकड़ को दर्शाती है.

Netanyahu Apology to Qatar : हाल ही में व्हाइट हाउस से जारी की गई एक ब्लैक-एंड-व्हाइट तस्वीर ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है. तस्वीर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फोन पकड़े बैठे हैं, जबकि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सिर झुकाए एक कागज से कुछ पढ़ते नजर आ रहे हैं. यह छवि वॉशिंगटन डीसी के ओवल ऑफिस में उस वक्त ली गई जब नेतन्याहू ने कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी से फोन पर बात की.
दोहा में हमले के बाद अमेरिका की नाराजगी
ट्रंप ने नेतन्याहू से दिलवाया माफीनामा
जब नेतन्याहू अमेरिका पहुँचे, तो ट्रंप ने तुरंत इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश की. उन्होंने नेतन्याहू को अपने सामने फोन कॉल करने के लिए मजबूर किया ताकि कतर के साथ बिगड़े संबंधों को सुधारा जा सके. इस दौरान नेतन्याहू ने कतर के प्रधानमंत्री से “गहरी खेद” जताई, हमले को “संप्रभुता का उल्लंघन” स्वीकार किया और भविष्य में ऐसी घटना न दोहराने का वादा किया.
नेतन्याहू के हाथ में स्क्रिप्ट?
तस्वीर में नेतन्याहू जिस तरह से सिर झुकाकर एक कागज से पढ़ते नजर आए, उससे यह अटकलें लगने लगीं कि क्या उन्होंने माफी का वह बयान खुद लिखा था या यह स्क्रिप्ट व्हाइट हाउस की तरफ से दी गई थी. ट्रंप की तीखी निगरानी और नेतन्याहू का झुका हुआ सिर यह दर्शाता है कि इस बार सत्ता का संतुलन किस ओर था. आमतौर पर दृढ़ और आत्मविश्वासी दिखाई देने वाले नेतन्याहू को सार्वजनिक रूप से इस तरह झुका देखना दुर्लभ है.
ट्रंप की कूटनीतिक चाल
ट्रंप के लिए यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक क्षण नहीं था, बल्कि एक कूटनीतिक कदम भी था. दोहा पर हुए हमले के बाद कतर मध्यस्थता प्रक्रिया से पीछे हटने लगा था. ऐसे में ट्रंप ने नेतन्याहू से सार्वजनिक तौर पर माफ़ी दिलवाकर कतर को फिर से वार्ता की मेज पर लाने की कोशिश की. यह अमेरिका की उस नीति का हिस्सा था जिसमें ट्रंप खुद को मध्य पूर्व में शांति बहाली का प्रमुख खिलाड़ी साबित करना चाहते थे.
तस्वीर से झलकती ताकत की सियासत
तस्वीर में ट्रंप के हाथ में फोन और नेतन्याहू का झुका हुआ सिर इस पूरे घटनाक्रम की सबसे प्रतीकात्मक छवि बन गई है. यह केवल एक क्षण नहीं था, बल्कि उस शक्ति संतुलन का इशारा था जिसमें अमेरिका, इजरायल जैसे अपने करीबी सहयोगी से भी सख्त लहजे में व्यवहार कर सकता है, खासकर जब क्षेत्रीय स्थिरता दांव पर लगी हो.
इस प्रकरण ने वैश्विक मंच पर नेतन्याहू की स्थिति को असामान्य रूप से झुकने वाली छवि दी और यह भी दिखाया कि राजनयिक दबाव में कैसे एक मजबूत नेता को भी माफी मांगनी पड़ सकती है भले ही वह कागज़ से पढ़ते हुए क्यों न हो.


