नेतन्याहू ने कतर के प्रधानमंत्री को फोन कर दोहा हमले के लिए मांगी माफी
Netanyahu apologizes for Doha attack: दोहा पर इज़राइली हमले में पांच लोगों की मौत के बाद प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कतर के प्रधानमंत्री से फोन पर माफी मांगी. इस हमले से अमेरिका-इज़राइल रिश्तों में तनाव बढ़ा और कतर ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया.

Netanyahu apologizes for Doha attack: रिपोर्ट के अनुसार, इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी से फोन पर बातचीत कर दोहा पर हुए इज़राइली हमले के लिए औपचारिक माफी मांगी. यह कदम उन्होंने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के तुरंत बाद उठाया.
पांच लोगों की हुई थी मौत
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में इज़राइल ने दोहा में हमास नेताओं को निशाना बनाते हुए हमला किया था. इस कार्रवाई में हमास के वरिष्ठ नेता खलील अल-हय्या के बेटे और उनके सहयोगी जिहाद लबाद समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले ने न केवल कतर बल्कि अमेरिका और इज़राइल के रिश्तों में भी तनाव पैदा कर दिया था.
सूत्रों के मुताबिक, हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने नेतन्याहू से फोन पर बेहद कड़ी भाषा में बात की थी. उन्होंने इस कदम को असावधानीपूर्ण और अनावश्यक जोखिम भरा बताया. ट्रंप का कहना था कि ऐसी कार्रवाई क्षेत्र में चल रही शांति वार्ताओं और नाजुक कूटनीतिक संतुलन को गहरा झटका दे सकती है. नेतन्याहू ने अपने बचाव में कहा कि उनके पास निर्णय लेने के लिए बहुत सीमित समय था और उन्हें तुरंत कार्रवाई करनी पड़ी.
कतर ने की हमले को निंदा
कतर ने इस हमले को कठोर शब्दों में निंदा करते हुए कायरतापूर्ण और अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया. कतर के विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि हमले में जानबूझकर उन आवासीय परिसरों को निशाना बनाया गया, जहां हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य रहते थे. इसके अलावा, गाज़ा संघर्ष विराम वार्ता में मध्यस्थ के रूप में अपनी भूमिका को रेखांकित करते हुए कतर ने इस कदम को क्षेत्रीय स्थिरता के खिलाफ करार दिया.
हमास की तीखी प्रतिक्रिया
हमास ने भी इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी. संगठन ने न केवल इज़राइल बल्कि अमेरिका को भी इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया. उनका कहना था कि यह हमला वार्ता को पटरी से उतारने की कोशिश है, लेकिन इसके बावजूद उनका रुख़ नहीं बदलेगा. बयान में कहा गया, इज़राइल अपने मकसद में नाकाम रहा है.
इसके बाद नेतन्याहू ने कतर को चेतावनी दी थी कि वह हमास नेताओं को देश से बाहर निकाले या उन्हें न्यायिक कार्रवाई का सामना करने दे, अन्यथा इज़राइल स्वयं कदम उठाएगा. कतर ने इस टिप्पणी को "लापरवाह और अस्वीकार्य" करार दिया.


