डील नहीं, अब दहाड़ चाहिए! ट्रंप बोले-मॉस्को को चीर देगी यूक्रेनी टॉमहॉक स्ट्राइक!
टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें इतनी ताकतवर हैं कि जटिल से जटिल संरचनाओं को भी चकनाचूर कर सकती हैं. अपने टारगेट को देखा जाए तो 20 फीट चौड़ा गड्ढा करने का ताकत हैं. इनकी ताकत का राज है इनका 1,000 पाउंड का वारहेड, जो जबरदस्त विस्फोट की शक्ति रखता है.

Trump Ukraine Policy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और बयानों का अनुमान लगाना किसी के लिए आसान नहीं है. हाल ही में, उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने यूक्रेन को रूस की राजधानी मॉस्को पर हमला करने के लिए नहीं कहा. ट्रंप ने जोर देकर कहा कि वह मानवता के पक्ष में हैं और किसी भी तरह के हमले को प्रोत्साहित नहीं कर सकते. यह बयान तब आया जब एक दिन पहले खबरें सामने आई थीं कि ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की से 4 जुलाई को हुई मुलाकात में रूस के अंदर घुसकर हमले करने की संभावनाओं पर चर्चा की थी.इस बीच, एक नई रिपोर्ट ने हलचल मचा दी है, जिसमें दावा किया गया है कि ट्रंप यूक्रेन को लंबी दूरी की टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें देने पर विचार कर रहे हैं. ये मिसाइलें रूस के प्रमुख शहरों, जैसे मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग, को निशाना बनाने की क्षमता रखती हैं. आइए, इस खबर के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझते हैं.
ट्रंप का स्पष्टीकरण
ट्रंप ने हाल ही में उन खबरों का खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की से 4 जुलाई की मुलाकात में मॉस्को पर हमले की संभावनाओं पर चर्चा की थी. ट्रंप ने स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता शांति और मानवता है. उन्होंने कहा, "वह अच्छी बातें करते हैं और फिर शाम को बमबारी कर देते हैं," रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर निशाना साधते हुए. यह बयान ट्रंप के पुतिन के साथ युद्धविराम की असफल बातचीत के बाद आया है.
टॉमहॉक मिसाइलों पर विचार
वाशिंगटन पोस्ट की 15 जुलाई की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन यूक्रेन को टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें देने की संभावना पर विचार कर रहा है. ये मिसाइलें रूस के अंदरूनी क्षेत्रों, जैसे मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग, को निशाना बनाने में सक्षम हैं. एक सूत्र के हवाले से बताया गया कि हालांकि इन मिसाइलों को हालिया हथियारों की सूची से हटा दिया गया है, लेकिन अगर ट्रंप रूस के लिए युद्ध को और महंगा बनाने का फैसला करते हैं, तो इन्हें बाद में भेजा जा सकता है.
टॉमहॉक मिसाइल क्या है?
यह एक आधुनिक हथियार है, जो जहजों, पनडुब्बियों को आगे बढ़ाया जाता है. यह जीपीएस और विशेष नेविगेशन प्रणालियों से लैस है, जिसकी मारक क्षमता 1,600 से 2,500 किलोमीटर तक है. कम ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता के कारण यह दुश्मन के रडार से बच निकलता है. यह मिसाइल भारी सुरक्षा वाले हवाई क्षेत्रों में भी सटीक निशाना लगाने में सक्षम है.
कहां-कहां हुआ टॉमहॉक का इस्तेमाल?
टॉमहॉक मिसाइलों का हाल ही में 21 जून को अमेरिकी 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' के तहत ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के लिए उपयोग किया गया था. इस ऑपरेशन में अमेरिकी सेना ने 30,000 पाउंड के GBU-57 'बंकर बस्टर' बमों के साथ लगभग 30 टॉमहॉक मिसाइलें दागी थीं. इससे पहले, 2024 में अमेरिका और ब्रिटेन की नौसेनाओं ने यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर इन मिसाइलों का उपयोग किया था.
यूक्रेन की ताकत में बढ़ोतरी
यदि यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलें मिलती हैं, तो वह रूस के अंदरूनी क्षेत्रों में सैन्य हवाई अड्डों, कमांड सेंटरों, लॉजिस्टिक्स केंद्रों और मिसाइल उत्पादन केंद्रों को निशाना बना सकता है. वर्तमान में यूक्रेन के पास मौजूद ATACMS या स्टॉर्म शैडो जैसे हथियारों की पहुंच इन लक्ष्यों तक नहीं है. विशेषज्ञों का कहना है कि टॉमहॉक मिसाइलें युद्ध का भूगोल बदल सकती हैं, जिससे यूक्रेन को रणनीतिक बढ़त मिल सकती है.
अमेरिका की रणनीति
रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप की यह रणनीति रूस पर दबाव बढ़ाने की कोशिश का हिस्सा हो सकती है. पुतिन के साथ कई दौर की बातचीत के बावजूद युद्धविराम में कोई प्रगति नहीं हुई है. टॉमहॉक मिसाइलों का विचार रूस को यह संदेश दे सकता है कि अमेरिका यूक्रेन का समर्थन और मजबूती से करने को तैयार है. हालांकि, यह कदम युद्ध को और जटिल बना सकता है.


