भारत से दुश्मनी की तैयारी: पाकिस्तान को चीन ने थमाया तबाही का नया हथियार
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच चीन ने पाकिस्तान को PL-15 मिसाइलों की खेप भेज दी है. भारत के राफेल सौदे से सहमे इस्लामाबाद को चीन ने फौरन घातक हथियारों से मजबूत कर दिया है. इससे सीमा पर खतरा और बढ़ गया है.

इंटरनेशनल न्यूज. पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के लिश्तों में भारी तल्खी आ गई है, इंटरनेशनल सीमा पर असामान्य हलचल देखी जा रही है. इस बीच चीन ने पाकिस्तान को आधुनिक PL-15 मिसाइलों की खेप भेज दी है. यह वही मिसाइलें हैं जो हवा में लंबी दूर तक टारगेट को को तबाह करन में सक्षम हैं. चीन का यह कदम ऐसे समय पर आया है जब भारत और फ्रांस के बीच 63000 करोड़ की राफेल मरीन कॉम्बैट विमानों की डील हुई है. सोमवार को ही फ्रांस के राजदूत औऱ भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार ने इस सौदे पर दस्तखत किए हैं.
सीधी सप्लाई से बढ़ा खतरा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी वायु सेना ने चीन की PL-15 मिसाइलों से लैस JF-17 ब्लॉक III लड़ाकू विमानों की तस्वीरें जारी कर दी हैं. यह सप्लाई कोई सामान्य हथियार डिलीवरी नहीं है. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स ने सीधे अपने स्टॉक से पाकिस्तान को ये मिसाइलें दी हैं. यानी पाकिस्तान को मिला है चीन के भरोसे का असली हथियार, न कि कोई हल्का निर्यात वर्जन.
PL-15: हवा में खड़ा किया खतरा
PL-15 मिसाइल एक रडार-गाइडेड हवा से हवा में मार करने वाला खतरनाक हथियार है. इसकी रेंज 200 से 300 किलोमीटर तक मानी जाती है. 5960 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ती यह मिसाइल टारगेट को सेकंडों में भेद सकती है. चीन की सरकारी एयरोस्पेस कंपनी AVIC ने इसे तैयार किया है. इसमें इस्तेमाल हुआ AESA रडार इसे अचूक बनाता है. भारत के पास राफेल जैसे उन्नत फाइटर जेट जरूर हैं, जो Meteor और MICA मिसाइलों से लैस हैं, लेकिन फिर भी सीमा पर PL-15 जैसी मिसाइलों की मौजूदगी चिंता बढ़ा रही है.
पाकिस्तान की ताकत बढ़ी लेकिन भारत अब भी भारी
हालांकि पाकिस्तान के पास अभी सिर्फ 45-50 JF-17 ब्लॉक III और करीब 20 J-10CE विमान हैं जो PL-15 को ले सकते हैं. भारत के विशाल बेड़े और आधुनिक हथियारों के मुकाबले यह अब भी बहुत पीछे हैं. लेकिन युद्ध की गणनाओं में एक छोटी चिंगारी भी बड़ा विस्फोट कर सकती है.
कब और कैसे बनी PL-15 मिसाइल
PL-15 का डेवलपमेंट 2011 में शुरू हुआ था. 2012 में इसका सफल परीक्षण हुआ और 2018 में इसे चीनी वायुसेना में शामिल किया गया. यह मिसाइल डुअल पल्स्ड सॉलिड प्रोपलेंट रॉकेट और AESA रडार सिस्टम से लैस है. इसके साथ ही दो-तरफा डाटा लिंक इसे किसी भी लक्ष्य को बेहद सटीकता से भेदने में सक्षम बनाता है.
गहराता जा रहा संकट
गौरतलब है कि PL-15 मिसाइलों चीने के सबसे बड़े एडवांस्ड फाइटर जेट्स J-20, J-10C और J-16 में पहले से ही तैनात हैं. अमेरिकी AIM-120D और यूरपीय Meteor मिसाइलों को टक्कर देने के लिए चीन ने इन्हें बनाया है.


