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White House में ट्रंप से मुलाकात करेंगे PAK पीएम शहबाज शरीफ... जानिए पाकिस्तान को लेकर क्यों नरम हैं अमेरिकी राष्ट्रपति

Trump–Sharif White House Meeting : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वॉशिंगटन DC में व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे. यह बैठक संयुक्त राष्ट्र महासभा के बाद होगी और दोनों देशों के संबंधों को फिर से मजबूत करने की दिशा में एक कदम मानी जा रही है. ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान के साथ व्यापार, कूटनीति और क्रिप्टो परियोजनाओं में साझेदारी को आगे बढ़ाने की कोशिश में है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Trump–Sharif White House Meeting : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ शुक्रवार को (स्थानीय समयानुसार) वॉशिंगटन DC स्थित व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे. यह बैठक संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के सत्र में शरीक होने के बाद होगी, जहां शरीफ पहले से न्यूयॉर्क में मौजूद हैं. यह 2019 के बाद पहली बार होगा जब किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ व्हाइट हाउस में आधिकारिक बैठक होगी. इससे पहले जुलाई 2019 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्रंप से मुलाकात की थी.

बाइडन सरकार द्वारा पाकिस्तान की अनदेखी

बता दें कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जो 2020 में ट्रंप के बाद राष्ट्रपति बने, ने अपने पूरे कार्यकाल में किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से न तो मुलाकात की और न ही कोई टेलीफोन पर बातचीत की. इसके विपरीत, डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में नाटकीय बदलाव देखा गया, जिसमें एक व्यापार समझौते की घोषणा भी शामिल थी.

PAK सेना प्रमुख से ट्रंप की गोपनीय मुलाकात
इस साल की शुरुआत में, ट्रंप ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर से व्हाइट हाउस में व्यक्तिगत मुलाकात की. खास बात यह रही कि इस बैठक में कोई भी पाकिस्तानी नागरिक नेता मौजूद नहीं था. यह अमेरिका की पाकिस्तान की सेना के साथ बढ़ती रणनीतिक नजदीकी को दर्शाता है और इस पर भारत ने अपनी कड़ी आपत्ति भी जताई है.

भारत से व्यापार विवाद और PAK से सौदा
31 जुलाई को अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ व्यापार समझौता किया, लेकिन भारत के साथ अभी तक ऐसा कोई सौदा नहीं हुआ है. ट्रंप सरकार ने भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया है, इसका कारण भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदना और व्यापार असंतुलन बताया गया है. हालांकि, ट्रंप प्रशासन का कहना है कि पाकिस्तान के साथ उनके संबंध भारत से जुड़ाव पर आधारित नहीं हैं.

अफगानिस्तान और बगराम एयरबेस की भूमिका
विश्लेषकों के अनुसार, ट्रंप पाकिस्तान के साथ रिश्तों को इसीलिए फिर से मजबूत करना चाहते हैं क्योंकि अमेरिका को अफगानिस्तान क्षेत्र में प्रभाव बनाए रखने के लिए इस्लामाबाद का समर्थन चाहिए. ट्रंप पहले भी यह कह चुके हैं कि अमेरिका बगराम एयरबेस को दोबारा हासिल करना चाहता है, जिसे 2021 में अफगानिस्तान से वापसी के समय छोड़ा गया था.

ट्रंप परिवार का पाकिस्तान में क्रिप्टो डील 
एक चौंकाने वाली जानकारी के अनुसार, 26 अप्रैल को पाकिस्तान में एक क्रिप्टोकरेंसी समझौता किया गया, जिसमें ट्रंप के बेटे एरिक ट्रंप, डोनाल्ड ट्रंप जूनियर और दामाद जेरेड कुश्नर भी शामिल रहे. यह डील पाकिस्तान की क्रिप्टो काउंसिल और वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (WLF) के बीच हुई. इसका उद्देश्य पाकिस्तान में डिजिटल एसेट्स और ब्लॉकचेन आधारित वित्तीय परियोजनाओं को आगे बढ़ाना था. कई जानकार इसे भी ट्रंप की पाकिस्तान पर फोकस का एक कारण मानते हैं.

भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव
जहां अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते प्रगाढ़ हो रहे हैं, वहीं भारत और अमेरिका के संबंधों में तनाव की स्थिति देखी गई है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि भारत अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और हितों की रक्षा करेगा. हाल ही में ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए भारत-अमेरिका के रणनीतिक रिश्तों को “सकारात्मक और वैश्विक” बताया, जिस पर मोदी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी कायम है.

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25 September 2025, 07:23 PM IST

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