फिर बेनकाब हुआ पाकिस्तान! अमेरिका ने कहा- आसिम मुनीर को नहीं भेजा गया कोई न्योता
पाकिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर शर्मिंदा हो गया है. उसने दावा किया था कि फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को अमेरिकी सेना दिवस परेड में शामिल होने के लिए व्हाइट हाउस से न्योता मिला है, लेकिन अमेरिका ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया.

पाकिस्तान एक बार फिर दुनिया के सामने शर्मिंदा हो गया है. इस बार अमेरिका ने खुद पाकिस्तान के उस दावे को झूठा बताया है जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तानी फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को अमेरिकी सेना दिवस परेड के लिए व्हाइट हाउस से आमंत्रण मिला है. व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा, 'यह गलत है. किसी भी विदेशी सैन्य नेता को आमंत्रित नहीं किया गया है.'
यह परेड अमेरिका के इतिहास की सबसे बड़ी सैन्य परेडों में से एक मानी जा रही है, जिसका मकसद अमेरिकी रक्षा ताकत को वैश्विक मंच पर दिखाना है. पाकिस्तान की फर्जी खबर फैलाने की यह एक और नाकाम कोशिश मानी जा रही है, जो अब उसके लिए एक बार फिर शर्मिंदगी का सबब बन गई है.
'नहीं भेजा गया कोई आमंत्रण'
अमेरिकी समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा कि मीडिया में जो खबरें चल रही हैं कि पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को अमेरिका के सेना दिवस परेड में आमंत्रित किया गया है,'यह पूरी तरह से झूठ है.' उन्होंने कहा कि इस भव्य परेड के लिए किसी भी विदेशी सैन्य नेता को आमंत्रित नहीं किया गया है.
ट्रंप के जन्मदिन पर सेना की शक्ति प्रदर्शन
यह परेड अमेरिका की सेना के गठन की वर्षगांठ के अवसर पर 15 जून को आयोजित हो रही है. साल 1775 में इसी दिन अमेरिकी सेना का गठन हुआ था, जो ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी की लड़ाई के लिए थी. खास बात यह है कि इस दिन डोनाल्ड ट्रंप का 79वां जन्मदिन भी है, और वे स्वयं इस परेड में सलामी लेंगे.
पाकिस्तान का झूठ फिर हुआ उजागर
पाकिस्तान ने पहले प्रचार किया था कि अमेरिका ने उसके फील्ड मार्शल को आमंत्रित किया है, जिससे यह दिखाने की कोशिश की गई कि अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते मजबूत हो रहे हैं. लेकिन व्हाइट हाउस की ओर से साफ इनकार ने पाकिस्तान की यह चाल नाकाम कर दी.
विपक्ष ने भारत सरकार को घेरा
इस झूठे दावे के वायरल होते ही भारत में कांग्रेस नेता जयराम रमेश और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) जैसे नेताओं ने मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए. शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा गया कि यह भारत की कूटनीति की विफलता है और'देश को कमजोर करने की साजिश' है. बीजेपी ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि'क्या विपक्ष पाकिस्तान की झूठी कहानियों पर भरोसा करने वाला गिरोह बन गया है?' पार्टी ने विपक्ष से जवाब मांगा कि वो आखिर किसके साथ खड़े हैं – भारत के या पाकिस्तान के?
ऑपरेशन सिंदूर’ की नकल भी नाकाम रही
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान ने भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की नकल करते हुए पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिका भेजा, लेकिन उन्हें Under Secretary से ऊपर के किसी भी अमेरिकी अधिकारी से मुलाकात नहीं मिल सकी. यह दौरा भी असफल रहा.
अमेरिकी परेड की खासियत
यह परेड अमेरिका की सैन्य शक्ति को दिखाने का एक अनोखा प्रयास है, जिसमें हजारों सैनिक, टैंक, हेलिकॉप्टर, पैराशूटर्स और फाइटर जेट्स हिस्सा लेंगे. यह परेड इसलिए भी खास है क्योंकि अमेरिका आम तौर पर भारत के गणतंत्र दिवस या फ्रांस के बैस्टिल डे की तरह सैन्य परेड आयोजित नहीं करता. ऐसी बड़ी परेड अमेरिका में पिछली बार 1991 में हुई थी, जब ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म के बाद कुवैत को इराक से मुक्त कराने की जीत का जश्न मनाया गया था.
पाकिस्तान के लिए फिर शर्मिंदगी
एक बार फिर पाकिस्तान की छवि चमकाने की साजिश फेल हो गई. अमेरिका द्वारा सार्वजनिक रूप से फर्जी दावे का खंडन करना पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है. वैश्विक मंच पर बार-बार फेक न्यूज और झूठे दावों से पाकिस्तान की साख पर सवाल खड़े होते जा रहे हैं.


