PM मोदी का तीन देशों का दौरा शुरू, G7 समिट में लेंगे हिस्सा
PM Modi रविवार को पांच दिवसीय विदेश दौरे पर रवाना हो गए हैं. वे साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया का दौरा करेंगे. यह उनकी ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा है. प्रधानमंत्री मोदी 16 और 17 जून को कनाडा के कनानास्किस शहर में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को पांच दिवसीय विदेश यात्रा पर रवाना हो गए हैं. इस यात्रा के तहत वे साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया जाएंगे. यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में सक्रिय आतंकी ढांचों को निशाना बनाया है. यह प्रधानमंत्री मोदी की इस अभियान के बाद पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा है.
प्रधानमंत्री ने इस दौरे को तीन प्रमुख साझेदार देशों का आभार जताने और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समझ को मजबूत करने का अवसर बताया है. उन्होंने कहा, "यह तीन देशों का दौरा हमारे उन साझेदार देशों का धन्यवाद करने का अवसर है, जिन्होंने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का मजबूती से समर्थन किया है और आतंकवाद के हर स्वरूप से लड़ने की वैश्विक समझ को मजबूती देने में योगदान दिया है."
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi departs for Cyprus.
At the invitation of the President of Cyprus, Nikos Christodoulides, PM Modi is paying an official visit to Cyprus from 15-16 June. PM Modi is on a three-nation tour, during which he will attend the G7 Summit in… pic.twitter.com/FU1BJuWKJx— ANI (@ANI) June 15, 2025
साइप्रस में दो दशकों बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा की शुरुआत साइप्रस से होगी, जहां वे 15 से 16 जून तक रुकेंगे. इस दौरान वे साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडुलाइड्स से मुलाकात करेंगे. बातचीत में व्यापार, निवेश, सुरक्षा, तकनीक और जनता से जनता के स्तर पर सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. पीएम मोदी ने कहा, "15-16 जून को मैं राष्ट्रपति महामहिम निकोस क्रिस्टोडुलाइड्स के निमंत्रण पर साइप्रस की यात्रा करूंगा. साइप्रस यूरोप और भूमध्यसागर क्षेत्र में भारत का महत्वपूर्ण साझेदार है. यह यात्रा हमारे ऐतिहासिक संबंधों को और मज़बूत करने और आपसी सहयोग के नए रास्ते खोलने का अवसर है." यह उल्लेखनीय है कि बीते दो दशकों में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली साइप्रस यात्रा है.
Over the next few days, will be visiting Cyprus, Canada and Croatia to attend various programmes, including bilateral meetings and multilateral engagements.https://t.co/CLhd5fMHH4
— Narendra Modi (@narendramodi) June 15, 2025
कनाडा में G7 शिखर सम्मेलन में भारत का दृष्टिकोण रखेंगे प्रधानमंत्री
यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री मोदी 16 और 17 जून को कनाडा के कनानास्किस शहर में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. यह दौरा कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के आमंत्रण पर हो रहा है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी सम्मेलन के दौरान वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा, तकनीकी सहयोग और नवाचार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भारत का दृष्टिकोण साझा करेंगे.
यह यात्रा खास इसलिए भी है क्योंकि यह मोदी की उस देश की पहली यात्रा है जब से भारत और कनाडा के संबंधों में खालिस्तानी मुद्दे को लेकर कूटनीतिक तनाव आया है. इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि प्रधानमंत्री इस बार सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे, लेकिन उनकी मौजूदगी ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया है.
सितंबर 2023 में कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों के शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने 'अविवेकपूर्ण और निराधार' करार दिया था.
My visit to Croatia, which will be the first ever by an Indian Prime Minister, presents a historical opportunity to boost linkages with a valued partner country.@AndrejPlenkovic
— Narendra Modi (@narendramodi) June 15, 2025
क्रोएशिया में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ऐतिहासिक यात्रा
G7 सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री मोदी 18 जून को क्रोएशिया जाएंगे, जहां वे राष्ट्रपति ज़ोरान मिलानोविच और प्रधानमंत्री आंद्रेज़ प्लेनकोविक से मुलाकात करेंगे. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली आधिकारिक यात्रा होगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर कहा, "हमारे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं. यह ऐतिहासिक यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई देने और साझा हितों के क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसर उत्पन्न करने का मार्ग प्रशस्त करेगी."
यात्रा का समापन और वापसी
प्रधानमंत्री मोदी की यह पांच दिवसीय यात्रा 19 जून को समाप्त होगी. तीन देशों की इस कूटनीतिक पहल को भारत की विदेश नीति में एक अहम पड़ाव के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ साझा वैश्विक रणनीति बनाने का प्रयास भी प्रमुख उद्देश्य है.


