पाकिस्तान पर टूटा कुदरत का कहर! बादल फटने से अचानक आई बाढ़, 300 से ज्यादा की मौत
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में अचानक हुई भीषण बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने जनजीवन को तहस-नहस कर दिया है. इन फ्लैश फ्लड्स में अब तक 300 से अधिक लोग मारे गए हैं. कई लोग अभी भी लापता हैं. प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्य जोरों पर हैं.

Pakistan Floods: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में अचानक आई भीषण बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं ने जनजीवन को तहस-नहस कर दिया है. प्रांतीय अधिकारियों के अनुसार, इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. प्रदेश में भारी बारिश और फ्लैश फ्लड्स ने बुनर, शांगला, मंसहरा, स्वात, बाजौर, टोरघर और बटग्राम जिलों को खास तौर पर प्रभावित किया. पीड़ित क्षेत्रों में अब भी कई लोग लापता हैं और हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) के प्रवक्ता फैजी ने बताया कि बुनर जिले में 184 लोगों की मौत हुई, जबकि शांगला में 36, मंसहरा में 23, स्वात में 22, बाजौर में 21 और बटग्राम में 15 लोगों की मौत हुई. लोअर डीर में पांच और अब्बोटाबाद में एक बच्चे की डूबने से मौत हुई. फैज़ी ने यह भी बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में अभी भी कई लोग लापता हैं, इसलिए मृतकों और घायल होने वालों की संख्या और बढ़ सकती है.
पाकिस्तान में बारिश ने मचाई भारी तबाही
जून के अंत से शुरू हुए मानसून सीजन में पाकिस्तान के विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा और उत्तरी क्षेत्रों में लगातार झमाझम बारिश हुई है, जिससे बाढ़, भू-स्खलन और विस्थापन की घटनाएं बढ़ गई हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्रों और पाकिस्तान के उत्तरी हिस्सों में अचानक, तीव्र और छोटे क्षेत्र में होने वाली बारिश यानी क्लाउडबर्स्ट अब पहले से अधिक आम हो गई हैं. ये घटनाएं स्थानीय स्तर पर बाढ़ और भू-स्खलनों के लिए जिम्मेदार होती हैं और हजारों लोगों को प्रभावित करती हैं.
जलवायु संकट और अव्यवस्थित विकास का योगदान
विशेषज्ञों के अनुसार, इन तीव्र बारिश की घटनाओं में पिछले कुछ वर्षों में वृद्धि हुई है. इसका एक कारण जलवायु संकट है, जबकि दूसरा कारण पर्वतीय क्षेत्रों में अनियोजित विकास और ढाई संरचनात्मक योजनाओं का होना है. इस कारण प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव पहले से कहीं अधिक भयानक हो गया है.


