पाकिस्तान ने 7 महीने बाद कबूला ऑपरेशन सिंदूर का सच, ब्रह्मोस मिसाइल के वार से तबाह हो गया था नूर खान एयरबेस
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए टकराव को लेकर इशाक डार ने कई खुलासे किये हैं. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन चीजों को स्वीकार किया, जिसे सीजफायर के दौरान वे नकार दिए थे.

2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ टकराव एक बार फिर चर्चा में आ गया है. पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने दिसंबर 2025 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पहली बार खुलकर माना कि भारतीय हमलों से उनका महत्वपूर्ण नूर खान एयरबेस क्षतिग्रस्त हुआ. यह बयान ऑपरेशन सिंदूर के ठीक सात महीने बाद आई, जिसमें भारत ने आतंकवाद के जवाब में सटीक कार्रवाई की थी.
क्या था ऑपरेशन सिंदूर ?
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 पर्यटकों की हत्या कर दी. भारत ने इसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. पाकिस्तान ने जवाबी हमले किए, लेकिन भारत ने ब्रह्मोस और अन्य मिसाइलों से मजबूत प्रतिकार किया. हालांकि 10 मई को सीजफायर हो गया.
पाकिस्तान की स्वीकारोक्ति के 7 बड़े सच
इशाक डार के बयान से कई बातें सामने आईं, जो पाकिस्तान पहले छिपाता रहा:
1. नूर खान एयरबेस पर हमला: रावलपिंडी के पास यह महत्वपूर्ण बेस 10 मई को निशाना बना. बता दें यह पाक वायुसेना का मुख्य केंद्र है.
2. क्षति और घायल: बेस की इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं, सैनिक घायल हुए. डार ने इसे छोटा नुकसान कहा, लेकिन यह पहली सार्वजनिक मान्यता है.
3. 80 ड्रोन हमले: 36 घंटों में भारत ने कम से कम 80 ड्रोन भेजे, जिनमें से एक ने नूर खान को नुकसान पहुंचाया.
4. ब्रह्मोस का इस्तेमाल: भारत ने ब्रह्मोस सुपरसॉनिक मिसाइलों से कई एयरबेस को टारगेट किया. इसकी सटीकता ने पाक डिफेंस को चुनौती दी.
5. इमरजेंसी बैठक: 9 मई की रात प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सैन्य नेताओं की आपात बैठक बुलाई.
6. भारत की 'गलती': डार ने नूर खान पर हमले को भारत की भूल बताया, जो बेस की संवेदनशीलता दिखाता है.
7. सीजफायर का दबाव: अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता से युद्धविराम हुआ, क्योंकि स्थिति बेकाबू हो रही थी.
ब्रह्मोस की भूमिका
ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है, जो ध्वनि से तीन गुना तेज उड़ती है. इसकी रेंज 300-600 किमी है और सटीकता बेहतरीन है. सु-30 विमानों से लॉन्च कर भारत ने कई पाक एयरबेस को निशाना बनाया. यह पहली बार युद्ध में सफल इस्तेमाल हुआ. यह घटना भारत की मजबूत रक्षा नीति दिखाती है.


