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वार्ता की पेशकश या डर की जुबान? शाहबाज की भारत से शांति की पुकार

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने ईरान यात्रा के दौरान भारत के साथ बातचीत की पेशकश की है. शाहबाज ने कहा कि वह कश्मीर, पानी, आतंकवाद और व्यापार जैसे मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए तैयार हैं. इसके साथ ही शाहबाज ने अपने बुरे इरादों का खुलासा करते हुए यह भी धमकी दी कि अगर भारत आक्रामक रवैया अपनाता है तो पाकिस्तान जवाब देने में संकोच नहीं करेगा.

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

इंटरनेशनल न्यूज. युद्ध की धमकी देने वाले बेचारे पाकिस्तान को आखिरकार होश आ गया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भारत के साथ शांति वार्ता की पेशकश की है. तेहरान से दिए गए इस बयान में उन्होंने कश्मीर, आतंकवाद, जल और व्यापार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करने की इच्छा जताई अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आएगा पाकिस्तान : शाहबाज ने शांति के इस संदेश के साथ यह भी कहा कि अगर भारत आक्रामक रुख अपनाता है तो पाकिस्तान जवाब देने में देरी नहीं करेगा. शाहबाज का यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान को हाल ही में भारत से करारी हार का सामना करना पड़ा है.

ईरान के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस

शाहबाज शरीफ ने यह बयान ईरान यात्रा के दौरान तेहरान में दिया. तुर्की से तेहरान पहुंचे शाहबाज ने वहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हम कश्मीर, जल, आतंकवाद और व्यापार जैसे मुद्दों पर भारत से बातचीत करने को तैयार हैं.' हम पड़ोसी हैं और शांति हमारी प्राथमिकता है. शरीफ ने इस दौरान यह भी कहा कि अगर भारत हमला करता है तो हम जवाब देने के लिए तैयार हैं. यदि भारत हमारा शांति प्रस्ताव स्वीकार कर लेता है तो हम ईमानदारी से बातचीत के लिए तैयार हैं. हालाँकि, ऑपरेशन सिंदूर और भारत की जवाबी कार्रवाई से घबराए पाकिस्तान के पास भारत से दया की भीख मांगने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.

भारत ने पहले ही सब कुछ कर दिया है स्पष्ट

भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत केवल आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की वापसी पर ही होगी. हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की जवाबी कार्रवाई से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.

बैकफुट पर आ गया पाकिस्तान

पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. पहलगाम के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कार्रवाई की. चाहे वह सिंधु जल संधि को समाप्त करना हो या पाकिस्तानी लोगों को भारत से तुरंत हटने का आदेश देना हो. इस कूटनीतिक हमले के बाद पाकिस्तान की स्थिति और खराब हो गई. इसके बाद पाकिस्तान खुद पर काबू पा सका, इससे पहले ही भारत ने ऑपरेशन सिंदूर मिशन के तहत पाकिस्तान में आतंकवादियों के लिए स्कूल चलाने वाले कई आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें नष्ट कर दिया.

जब पाकिस्तान नाराज हुआ...

इसके बाद पाकिस्तान बौखला गया और उसने तुर्की ड्रोन से भारत पर हमला करना शुरू कर दिया. वहीं, भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने भी अपनी ताकत दिखाई और हवा में मौजूद सभी ड्रोन को मार गिराया. इसके बाद पाकिस्तान ने तुरंत कई बड़े देशों के दरवाजे पर जाकर युद्ध विराम का अनुरोध करना शुरू कर दिया. इस बीच, ट्रम्प ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की. हालाँकि, बाद में ट्रम्प ने स्वयं स्वीकार किया कि उन्होंने दोनों देशों के बीच युद्धविराम नहीं कराया. भारत सरकार ने यह भी कहा कि दोनों देशों के डीसीएमओ ने एक-दूसरे से बात की और युद्धविराम पर निर्णय लिया.

शाहबाज़ ईरान और तुर्की क्यों गए?

ऑपरेशन सिंदूर में करारी हार और भारी क्षति के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने अपनी शिकायतें लेकर अपने चार पसंदीदा मुस्लिम देशों से संपर्क किया. उन्होंने रविवार को तुर्की से अपना दौरा शुरू किया. यहां दो दिन रुकने के बाद वह ईरान के लिए रवाना हो गए. यहीं से उन्होंने भारत से शांति वार्ता का अनुरोध किया. इसके बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अजरबैजान और ताजिकिस्तान का भी दौरा करेंगे. माना जा रहा है कि शाहबाज तुर्की और ईरान से जो उम्मीदें लेकर आए थे, वे पूरी नहीं हो सकीं. इसीलिए शाहबाज को डर के मारे भारत से शांति की भीख मांगने पर मजबूर होना पड़ा.

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27 May 2025, 05:02 PM IST

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