OPT खतरे में, वीजा रद्द और डिपोर्ट का डर! भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका बना अनजाना जाल
अमेरिका में पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए अब खतरे की घंटी बज चुकी है. क्लास मिस की या यूनिवर्सिटी से संपर्क टूटा, तो वीज़ा रद्द हो सकता है. अब हर कदम पर सिस्टम की सख्त नज़र है.

इंटरनेशनल न्यूज. अगर आप अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं या वहां जाकर पढ़ने का सपना देख रहे हैं, तो अब वक्त आ गया है सतर्क होने का. अमेरिका की नई चेतावनी साफ कहती है—अगर आपने क्लास मिस की, यूनिवर्सिटी से संपर्क नहीं रखा या कोर्स अचानक ड्रॉप किया, तो आपका वीज़ा तत्काल रद्द हो सकता है. अब तक जो बातें घुमा-फिराकर कही जाती थीं, वो अब सीधी भाषा में सामने हैं. अमेरिका में स्टूडेंट वीज़ा पर पढ़ रहे लाखों छात्रों के लिए SEVIS सिस्टम अब सबसे बड़ा सेंसर बन चुका है. यह एक ऐसा डिजिटल निगरानी तंत्र है जो छात्रों की उपस्थिति, एड्रेस और कोर्स की स्थिति पर हर पल नज़र रखता है. एक छोटी सी चूक भी—जैसे पता अपडेट न करना—'आउट ऑफ स्टेटस' में डाल सकती है, जिससे वीज़ा तुरंत रद्द हो सकता है.
एयरपोर्ट से डिपोर्ट होने तक की नौबत
पिछले कुछ महीनों में ऐसे कई केस सामने आए हैं जहां छात्रों को एयरपोर्ट पर रोका गया, पूछताछ हुई और फिर डिपोर्ट कर दिया गया. बहुत से छात्र यह तक नहीं समझ पाए कि उनका अपराध क्या था. दरअसल, सिस्टम में अपडेट न होने की कीमत उनका पूरा करियर चुका रहा है.
OPT पर खतरा: पढ़ाई के बाद नौकरी का सपना टूटेगा?
Optional Practical Training (OPT) उन छात्रों के लिए लाइफलाइन रहा है जो पढ़ाई के बाद अमेरिका में अनुभव और नौकरी चाहते हैं. लेकिन 2025 में पेश Fairness for High-Skilled Americans Act इस सुविधा को ही खत्म करने की मांग कर रहा है. खासतौर पर STEM स्ट्रीम के छात्रों के लिए यह बड़ा झटका है.
भारतीय छात्रों के लिए बढ़ती मुश्किलें
हर साल 3 लाख भारतीय छात्र अमेरिका में एडमिशन लेते हैं. उनके माता-पिता लाखों खर्च कर उन्हें बेहतर भविष्य के लिए भेजते हैं. लेकिन अब अमेरिका की सख्त नीतियों ने इन सपनों पर पहरा बिठा दिया है. कई छात्र वापस लौटाए जा रहे हैं, कई मानसिक तनाव में हैं. छात्रों को अब हर अटेंडेंस, हर ईमेल और हर अपॉइंटमेंट को गंभीरता से लेना पड़ रहा है. यूनिवर्सिटीज़ भी अब हर छोटी-बड़ी रिपोर्ट तुरंत अधिकारियों को भेज रही हैं. एक गलती, एक चूक – और पूरा वीज़ा प्लान खतरे में पड़ सकता है.
समाधान क्या है? स्मार्ट प्लानिंग और सही जानकारी
इस चुनौतीपूर्ण माहौल में ज़रूरत है सतर्कता की. छात्र यूनिवर्सिटी के अंतरराष्ट्रीय ऑफिस से लगातार संपर्क में रहें, वकीलों से सलाह लेते रहें, दस्तावेज़ अपडेट रखें और हर सिस्टम मैसेज को गंभीरता से लें. क्योंकि अब सिर्फ डिग्री नहीं, सिस्टम को संतुष्ट करना भी उतना ही ज़रूरी है.अब अमेरिका में पढ़ाई सिर्फ एकेडमिक नहीं, एडमिनिस्ट्रेटिव युद्ध भी बन चुकी है. हर छात्र और पैरेंट्स को चाहिए कि वे इस नए माहौल को समझें, सजग रहें और हर क़दम सोच-समझकर उठाएं. क्योंकि अब आपकी क्लास में सिर्फ प्रोफेसर नहीं, सरकार की आंखें भी मौजूद हैं.


