score Card

जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक मामले में पाकिस्तान ने तालिबानी दूत को किया तलब, मांगा आतंकी घटना का ब्यौरा

पाकिस्तान में जाफर एक्सप्रेस हाईजैक मामले में भारत पर गंभीर आरोप लगाने के बाद अब पाकिस्तान ने तालिबानी दूत को तलब किया है. पाकिस्तान ने इस आतंकी घटना से जुड़ी जानकारी देने के लिए तालिबानी दूत से कहा है. इस हमले में BLA ने सैकड़ों पाकिस्तानियों की जान लेने की बात कही है, जबकि पाकिस्तान के मुताबिक आंकड़ा 30 है.

Pakistan Train Hijack: पाकिस्तान ने हाल ही में अफगानिस्तान में मौजूद आतंकवादी हैंडलर्स से जुड़ी जानकारी को लेकर अफगानिस्तान से स्पष्टीकरण मांगा है. यह कदम जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक मामले के बाद उठाया गया, जिसमें बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के आतंकियों ने ट्रेन को हाईजैक कर लिया था. इस हमले में 440 यात्रियों को बंधक बनाया गया और ट्रेन के रेलवे ट्रैक को विस्फोट से उड़ा दिया गया था. इस ऑपरेशन में पाकिस्तानी सेना ने 33 आतंकियों को मार गिराया, जबकि 30 से ज्यादा बंधकों की मौत हो गई थी.

पाकिस्तानी सेना के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (DG ISPR) के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने मीडिया को बताया कि हमलावर अफगानिस्तान में स्थित अपने हैंडलर्स से संपर्क में थे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास पुख्ता खुफिया जानकारी है कि ये हमले अफगान सीमा पार से रचे जा रहे हैं. साथ ही, यह भी खुलासा किया गया कि एक प्रमुख विद्रोही अफगान सेना का पूर्व कर्मचारी था और अब पाकिस्तान के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल है. 

पाकिस्तान ने तालिबानी अधिकारी को बुलाया विदेश कार्यालय

पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से कड़ा विरोध दर्ज करते हुए तालिबान के चार्ज डी अफेयर सरदार अहमद शकीब को इस्लामाबाद के विदेश कार्यालय बुलाया और उन्हें इस हमले के लिए अफगान भूमि के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताई. पाकिस्तान ने तालिबान से यह अपील की कि अफगानिस्तान की जमीन को पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद के लिए उपयोग नहीं होने दिया जाए.

इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान ने तालिबान शासन को उसकी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं की याद दिलाई, जिसमें दोहा समझौते के तहत यह वादा किया गया था कि वह अपनी जमीन को पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं होने देगा. 

तालिबानी शासन के बाद पाकिस्तान में बड़ी आतंकी घटना

ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स 2025 रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के शासन के बाद पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में वृद्धि हुई है, और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को अफगानिस्तान में पहले से ज्यादा सुरक्षित पनाहगाह और आज़ादी मिली है. 

पाकिस्तान ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने अफगानिस्तान के तालिबान शासन को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं दी है, लेकिन काबुल के दूतावास को काम करने की अनुमति दी है.

calender
17 March 2025, 11:30 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag