पाकिस्तानी सेना ने LoC पर सीजफायर का किया उल्लंघन, लेपा घाटी में सेना की चौकियों पर की गोलीबारी
पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर सीजफायर उल्लंघन करते हुए भारतीय चौकियों पर गोलीबारी की. भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया. सीजफायर समझौता मई 10 से प्रभावी है, जो पाकिस्तान से आया था.

नई दिल्ली : इस सप्ताह जम्मू और कश्मीर के लीपा घाटी में पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) के पास भारतीय चौकियों पर गोलीबारी की, जिससे क्षेत्र में फिर से तनाव बढ़ गया. सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने छोटे हथियारों का इस्तेमाल करते हुए मोर्टार शेलिंग की, जो 26-27 अक्टूबर की रात को हुई. हालांकि, भारतीय सेना ने पाकिस्तान की बिना उकसावे की गोलीबारी का करारा जवाब दिया और पाकिस्तान के हमले को नाकाम किया.
पाकिस्तान ने गोलीबारी कर शांति को चुनौती दी
लीपा घाटी में आतंकवादियों की घुसपैठ
लीपा घाटी, जो लगभग 9 किलोमीटर की ऊँचाई पर स्थित है, हमेशा से आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए एक प्रमुख मार्ग रही है. इस घाटी का सामरिक महत्व अधिक है, क्योंकि यह काजीनाग स्प्रिंग से होकर गुजरती है और यहां से आतंकवादी घुसपैठ की कई घटनाएं पहले भी हुई हैं. पाकिस्तान की ओर से लगातार सीमा पर सक्रियता और घुसपैठ के प्रयास इस क्षेत्र को और भी संवेदनशील बना रहे हैं.
10 को हुआ था सीजफायर समझौता
10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर समझौते के बाद से LoC पर शांति बनी हुई थी, जिसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है. यह समझौता पाकिस्तान के साथ तीन दिन की कड़ी सैन्य संघर्ष के बाद हुआ था, जिसमें भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था और पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी कैंपों को निशाना बनाते हुए 9 कैंपों को नष्ट कर दिया था. इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने भारत से बातचीत के लिए संपर्क किया और एक सीजफायर समझौते पर सहमति बनी.
ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान का पलटवार
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकवादियों को नष्ट किया गया और लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़े कई ठिकाने तबाह किए गए. इसके बाद पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमलों का प्रयास किया, लेकिन भारत की वायु रक्षा प्रणालियों ने अधिकांश हमलों को नष्ट कर दिया. पाकिस्तान के इस पलटवार के बाद, भारत की वायु सेना ने 8 से 10 मई के बीच पाकिस्तान के 11 सैन्य हवाई अड्डों पर हमले किए थे, जिससे पाकिस्तान को शांति समझौते की मांग करने के लिए मजबूर होना पड़ा.


