पोप फ्रांसिस को आज अंतिम विदाई, तोड़ी जाएगी सदियों पुरानी परंपरा
पोप फ्रांसिस को सदियों पुरानी परंपरा से हटकर बेसिलिका डी सांता मारिया मैगीगोर में दफनाया जाएगा. आमतौर पर पोप को वेटिकन के भीतर सेंट पीटर्स बेसिलिका के नीचे दफनाया जाता था, लेकिन पोप फ्रांसिस ने सादे मकबरे की इच्छा जताई थी, जिस कारण यह बदलाव हुआ.

पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में दुनिया भर से लाखों लोग, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राजघरानों के लोग शामिल होंगे. उनका निधन ईस्टर सोमवार को हो गया था. पोप को वेटिकन के बाहर एक चर्च (बेसिलिका) में दफनाया जाएगा, जो कि एक पुरानी परंपरा को तोड़ता है.
अब तक सभी पोप को वेटिकन के अंदर सेंट पीटर बेसिलिका में दफनाया जाता था, लेकिन पोप फ्रांसिस ने खुद एक सादा कब्र की इच्छा जताई थी, जो रोम के बाहरी इलाके में है. इसलिए उन्हें बेसिलिका डी सांता मारिया मैगिओर में दफनाया जाएगा. पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार शनिवार को सुबह 10 बजे (भारत में दोपहर 1:30 बजे) शुरू होगा और 11:45 बजे (भारत में 3:15 बजे) खत्म होगा.
2.5 लाख लोग वेटिकन पहुंचे
पिछले तीन दिनों में करीब 2.5 लाख लोग वेटिकन पहुंचे ताकि उन्हें अंतिम बार देख सकें. शुक्रवार को दर्शन का समय खत्म होने के बाद उनके ताबूत को बंद कर दिया गया. पोप के अंतिम संस्कार में कई देश के नेता शामिल होंगे, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, स्पेन के राजा और रानी, और ब्राजील के राष्ट्रपति शामिल हैं. कुल 54 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और 12 शाही परिवारों के सदस्य इस मौके पर मौजूद रहेंगे.
पोप फ्रांसिस लैटिन अमेरिका से पहले पोप
पोप फ्रांसिस लैटिन अमेरिका से पहले पोप थे. उनकी मौत के साथ कई पुराने धार्मिक रीति-रिवाज फिर से शुरू किए जाएंगे, जो हजारों साल पुराने हैं. 88 साल के पोप की मौत स्ट्रोक से हुई. वे उस समय डबल निमोनिया से ठीक हो रहे थे. उनकी हालत कमजोर थी, लेकिन फिर भी उन्होंने ईस्टर रविवार को व्हीलचेयर में आकर हजारों लोगों को आशीर्वाद दिया.मौत से एक दिन पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना आखिरी संदेश दिया था – "मसीह जी उठे हैं! इस बात में हमारे जीवन का सारा अर्थ छिपा है. हम मृत्यु के लिए नहीं, जीवन के लिए बने हैं."


