दिसंबर में भारत आएंगे राष्ट्रपति पुतिन, SCO समिट के बीच रूस का ऐलान, क्या तैयार हो रहा नया गठजोड़?
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर में भारत दौरे पर आएंगे, जिससे भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी को मजबूती मिलेगी. अमेरिका ने रूस से तेल खरीद पर भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है. भारत ने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी.

Russia India relations: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस वर्ष दिसंबर में भारत का दौरा करेंगे. क्रेमलिन ने इस यात्रा की पुष्टि कर दी है. यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब वैश्विक राजनीति में भारत की स्थिति तेजी से बदल रही है और रूस के साथ उसकी रणनीतिक साझेदारी लगातार गहराती जा रही है.
मोदी की कूटनीतिक सक्रियता के बीच पुतिन का दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों जापान यात्रा पर हैं और 31 अगस्त को चीन की यात्रा भी प्रस्तावित है. इसी दौरान पुतिन के भारत दौरे की घोषणा दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्तों को रेखांकित करती है. यह दौरा भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी को एक नया आयाम दे सकता है.
अमेरिका ने लगाया भारत पर टैरिफ
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत सेकेंडरी टैरिफ लगा दिया है. यह निर्णय भारत द्वारा रूस से तेल की खरीद को लेकर लिया गया है. अब भारत पर कुल 50% तक का टैरिफ लग चुका है, जिससे दोनों देशों के आर्थिक संबंधों में तनाव आने की संभावना है.
भारत ने दी अपनी स्पष्ट प्रतिक्रिया
भारत ने रूस से तेल खरीद पर अमेरिकी प्रतिक्रिया को लेकर अपना रुख साफ किया है. भारत का कहना है कि उसने अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया. प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे देश के किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से कोई समझौता नहीं करेंगे, भले ही यह फैसला महंगा क्यों न साबित हो.
रूस-भारत संबंधों की ऐतिहासिक नींव
भारत और रूस के रिश्ते सोवियत संघ के दौर से ही मजबूत रहे हैं. रूस भारत का एक प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता रहा है और ऊर्जा के क्षेत्र में भी वह भारत को बड़ी मात्रा में तेल और गैस की आपूर्ति करता है. यूक्रेन युद्ध के बाद जब पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए, तब रूस ने भारत और चीन को प्रमुख ग्राहक बना लिया. इससे रूस को आर्थिक रूप से राहत मिली और भारत को सस्ता ऊर्जा स्रोत.
पुतिन की विदेश यात्राएं
यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन ने अपनी अंतरराष्ट्रीय यात्राएं सीमित कर दी हैं. अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है, लेकिन भारत ICC का सदस्य नहीं है. इसलिए पुतिन को यहां किसी प्रकार की कानूनी बाध्यता का सामना नहीं करना पड़ेगा.
भारत दौरे के राजनीतिक मायने
पुतिन का भारत दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत की गैर-पश्चिमी रणनीति को बल देता है. भारत न तो पश्चिमी दबाव में आया है, न ही उसने रूस से दूरी बनाई है. यह दौरा भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की मिसाल बन सकता है और भारत-रूस रिश्तों को नई ऊर्जा दे सकता है.


