कनाडा में चला प्रोजेक्ट पेलिकन, भारत के खिलाफ खालिस्तानी-ISI की खतरनाक साजिश बेनकाब
Project Pelican: कनाडा की पील रीजनल पुलिस द्वारा चलाए गए प्रोजेक्ट पेलिकन अभियान में खालिस्तानी समर्थकों, मैक्सिकन ड्रग कार्टेल और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के गठजोड़ का खुलासा हुआ है. इस नेटवर्क के जरिए ड्रग तस्करी से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों में किया जा रहा था, जिससे सुरक्षा एजेंसाएं सतर्क हो गई हैं.

Project Pelican: कनाडा की पील रीजनल पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले ड्रग और आतंकी नेटवर्क का खुलासा किया है, जिसने भारत की सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा दिया है. प्रोजेक्ट पेलिकन नाम के इस अभियान में सामने आया है कि खालिस्तान समर्थकों, मैक्सिकन ड्रग माफिया और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के बीच गहरा गठजोड़ है. इस नेटवर्क का मकसद ड्रग तस्करी से कमाई गई भारी-भरकम रकम को भारत विरोधी गतिविधियों में झोंकना था.
इस नेटवर्क का संचालन अमेरिका-कनाडा ट्रकिंग रूट के जरिए किया जा रहा था, जहां कोकीन की बड़े पैमाने पर तस्करी की जा रही थी. जांच में सामने आया है कि तस्करी के इस नेटवर्क को ISI का पूरा समर्थन प्राप्त था और इसे खालिस्तानी एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग किया जा रहा था.
Today, @PeelPolice announced the LARGEST drug bust in the service's history!⁰⁰You read that right! - I was proud to join @ChiefNish to share the results of Project Pelican: nearly $50 million in cocaine seized, 9 arrests, 35 charges laid and a transnational criminal network… pic.twitter.com/KmEdsv3ba3
— Michael Kerzner (@TeamKerzner) June 10, 2025
अमेरिका-कनाडा ट्रकिंग रूट बना तस्करी का जरिया
पील पुलिस की जांच जून 2024 में शुरू हुई थी. इसमें पाया गया कि कोकीन की तस्करी वाणिज्यिक ट्रकिंग रूट के जरिए अमेरिका से कनाडा के बीच की जा रही थी. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, नवंबर 2024 तक कई संदिग्ध व्यक्तियों, ट्रकिंग कंपनियों और गोदामों की पहचान कर ली गई. इस अभियान में कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी (CBSA) और अमेरिका के ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (DEA) की भी मदद ली गई.
Project Pelican marks the largest drug bust in our service’s history, with nearly $50 million in cocaine seized and a major transnational organized crime network dismantled.
— Peel Regional Police (@PeelPolice) June 10, 2025
This success was made possible through @PeelPolice’s outstanding collaboration with @CanBorder, DEA,… pic.twitter.com/lkhpgxfupd
इतिहास की सबसे बड़ी ड्रग बरामदगी
फरवरी से मई 2025 के बीच, कई स्थानों पर छापेमारी कर पुलिस ने कुल 479 किलोग्राम ‘ब्रिक्ड’ कोकीन बरामद की, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 47.9 मिलियन डॉलर (करीब 400 करोड़ रुपये) आंकी गई है.
मुख्य बरामदगियां:
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127 किलोग्राम कोकीन विंडसर के एम्बेसडर ब्रिज पर पकड़ी गई.
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50 किलोग्राम कोकीन पॉइंट एडवर्ड के ब्लू वॉटर ब्रिज पर बरामद हुई.
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ग्रेटर टोरंटो एरिया में भी कई स्थानों पर कोकीन की बड़ी मात्रा जब्त की गई.
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दो अवैध लोडेड सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौलें भी पुलिस ने बरामद कीं.
9 आरोपी गिरफ्तार, 7 भारतीय मूल के नागरिक शामिल
इस कार्रवाई में पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 7 भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक हैं. गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं-
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मनप्रीत सिंह (44, ब्रैम्पटन)
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सजगित योगेन्द्रराजा (31, टोरंटो)
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फिलिप टेप (39, हैमिल्टन)
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करमजीत सिंह (36, कैल्डन)
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अर्विंदर पवार (29, ब्रैम्पटन)
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गुरतेज सिंह (36, कैल्डन)
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शिव ओंकार सिंह (31, जॉर्जटाउन)
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सरताज सिंह (27, कैम्ब्रिज)
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हाओ टॉमी हुन्ह (27, मिसिसॉगा)
Very serious issue for the global Sikh community! ⚠️ @PeelPolice busted Project Pelican—a $50M drug ring between the U.S. & Canada. 6 of 9 arrested are reportedly Sikhs, mostly Jat Sikhs. SHAME!
— Sukhminderpal Singh Grewal (Bhukhari Kalan, Ldh) (@sukhgrewalbjp) June 11, 2025
This isn’t random—it’s part of a growing rot, with links to @SFJGenCounsel… pic.twitter.com/7aPNDMJJNR
इन सभी पर कुल 35 आरोप दर्ज किए गए हैं, जिनमें ड्रग तस्करी, गैरकानूनी हथियार रखने और हथियार कानून का उल्लंघन शामिल है. सभी आरोपियों को ब्रैम्पटन स्थित ओंटारियो कोर्ट ऑफ जस्टिस में पेश किया गया.
ISI और खालिस्तान का गहरा संबंध
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह पूरा नेटवर्क ISI द्वारा प्रायोजित है, जो खालिस्तान समर्थकों को मैक्सिकन ड्रग्स की तस्करी में शामिल कर रहा था. अफगानिस्तान में उगाई गई हेरोइन को भी ISI भारत में फैलाने का प्रयास कर रहा था. तस्करी से कमाया गया पैसा भारत में जनमत संग्रह, विरोध-प्रदर्शन और हथियारों की खरीद जैसे गतिविधियों में लगाया जा रहा था.
पुराने मामलों से मिले थे सुराग
इस जांच की शुरुआत दिसंबर 2024 में हुई थी, जब अमेरिका के इलिनॉय राज्य में दो भारतीय मूल के कनाडाई नागरिकों को 1,000 पाउंड कोकीन के साथ गिरफ्तार किया गया था. इसी मामले से प्रोजेक्ट पेलिकन की नींव पड़ी.
ओंटारियो के सॉलिसिटर जनरल माइकल एस. कर्जनर ने कहा कि, "प्रोजेक्ट पेलिकन इस बात का प्रमाण है कि जब पुलिस को जरूरी संसाधन और समर्थन मिले, तो वे समाज की सुरक्षा के लिए क्या-क्या कर सकते हैं."


