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पाकिस्तानी फौज पर आतंकी हमला, 12 सैनिकों की हुई मौत

पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी इलाके में शनिवार तड़के तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने एक बड़ा हमला किया. इस घात में कम से कम 12 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और चार अन्य घायल हो गए.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

Terrorist attack on Pakistan Army: पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी इलाके में शनिवार तड़के तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने एक बड़ा हमला किया. इस घात में कम से कम 12 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और चार अन्य घायल हो गए. प्रशासन और सुरक्षा अधिकारियों ने घटना की पुष्टि की है. जानकारी के अनुसार, यह हमला दक्षिण वजीरिस्तान जिले में सुबह करीब चार बजे हुआ जब सेना का एक काफिला इलाके से गुजर रहा था.

घातक फायरिंग और हथियार लूटे

स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, आतंकियों ने भारी हथियारों से अचानक फायरिंग शुरू की. जवाबी कार्रवाई में गोलीबारी लंबी चली, लेकिन सैनिकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा. मारे गए जवानों के अलावा चार गंभीर रूप से घायल हुए. बताया गया कि हमलावर सेना का हथियार-सामान भी उठा ले गए और सुरक्षित स्थानों की ओर भाग निकले.

टीटीपी ने ली जिम्मेदारी

इस हमले की जिम्मेदारी खुद टीटीपी ने ली है. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हाल के महीनों में हुए हमलों में यह सबसे बड़ा माना जा रहा है. कभी इस क्षेत्र में तालिबान का मजबूत दबदबा था, जिसे पाकिस्तानी सेना ने 2014 के बड़े सैन्य अभियान के बाद खत्म कर दिया था. लेकिन 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता वापसी के बाद से पाकिस्तान में हिंसा फिर बढ़ी है.

अफगानिस्तान से बढ़ते तनाव

पाकिस्तान का आरोप है कि अफगान तालिबान अपने इलाके में सक्रिय आतंकियों को रोकने में नाकाम रहा है. इनकी मौजूदगी से टीटीपी को मदद मिलती है, जो बाद में पाकिस्तान में हमले करता है. हालांकि, काबुल प्रशासन इन आरोपों को बार-बार खारिज करता रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों गुटों के बीच गहरे रिश्ते हैं, जिससे पाकिस्तान के लिए चुनौती और कठिन हो रही है.

लोगों में डर का माहौल

हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा के कई जिलों में दीवारों पर टीटीपी के नारे और पोस्टर दिखाई दिए हैं. इससे आम नागरिकों में यह आशंका बढ़ी है कि कहीं एक बार फिर वह दौर न लौट आए जब तालिबान का आतंक इस पूरे इलाके पर हावी था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में टीटीपी लड़ाकों की आवाजाही और हमले तेज हुए हैं.

बढ़ते आंकड़े चिंता का सबब

एएफपी के रिकॉर्ड बताते हैं कि 1 जनवरी 2025 से अब तक खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में लगभग 460 लोग आतंकी घटनाओं में मारे जा चुके हैं. इनमें ज्यादातर सुरक्षा बलों के जवान शामिल हैं. वहीं, एक शोध संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 पाकिस्तान के लिए लगभग एक दशक का सबसे खूनखराबे वाला साल रहा जब 1,600 से ज्यादा लोग हिंसा में मारे गए, जिनमें आधे से अधिक सैनिक और पुलिसकर्मी थे.

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13 September 2025, 04:01 PM IST

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